भारतीय बासमती को जीआई टैग दिए जाने पर पाकिस्तान को आपत्ति
Source : business.khaskhabar.com | Oct 15, 2014 |
नई दिल्ली। भारत के मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग दिए जाने पर पाकिस्तान के चावल उत्पादकों के समूह ने आपत्ति दर्ज करायी है। बता दें कि मध्य प्रदेश को इस साल के शुरूआत में बासमती चावल का जीआई टैग मिला था। पाकिस्तान के लाहौर स्थित बासमती उत्पादक संघ (बीजीए) ने भारत के चेन्नई स्थित इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी अपैलेट बोर्ड (आईपीएबी) में अपील दायर करके मध्य प्रदेश को यह टैग दिए जाने का विरोध किया है। जियोग्राफिकल इंडिकेशन(जीआई) टैग उन चीजों को दिया जाता है जो किसी खास मौसम, पर्यावरण या मिट्टी में पैदा होती हैं। यह एक प्रकार के बौद्धिक संपदा अधिकार के तहत आता है। किसी खास क्षेत्र के उत्पाद विशेष को जीआई टैग दिया जाता है।
जीआई टैग किसी सांस्कृतिक उत्पाद या कृषि उत्पाद को दिया जा सकता है। जैसे इंग्लैंड में जो स्कॉच बनती है उसे इंग्लैंड का माना जाता है क्योंकि उसे जीआई टैग मिला है। इंग्लैंड में बनी स्कॉच अलग ही होती है। दुनिया में दूसरी जगहों पर स्कॉच जैसी शराब बनती है लेकिन उसे स्कॉच नहीं माना जाता। भारत में कांजीवरम साडी, दार्जिलिंग चाय, अलफांसो आम समेत कई चीजों को जीआई टैग मिला हुआ है। पहले हमने बासमती पर पेटेंट की लडाई लडी थी। उसका विस्तार करते हुए मध्य प्रदेश की बासमती को जीआई टैग दिया गया। बासमती की दुनिया में काफी मांग है, ऎसे में जिस इलाके के बासमती को जीआई टैग मिला हुआ है वहां के चावल को असली माना जाता है। इससे उत्पाद का बाजार सुरक्षित हो जाता है।
पाकिस्तान की आपत्ति भारत और पाकिस्तान के बीच हर बात के लिए परस्पर विरोध होना आम बात है। लेकिन दोनों देशों के आपसी संबंध के इतर विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की आपत्ति जायज है। भारत में उत्तर-पश्चिमी इलाकों, उत्तराखंड, पंजाब इत्यादि में बासमती चावल पैदा होता है। हम अमेरिका में भी बासमती पैदा कर सकते हैं। अमेरिका की एक कंपनी ने टेक्सास में बासमती जैसा चावल उगाया और उसे टेक्सामती नाम दिया तो भारत ने पेटेंट की लडाई लडी थी।
उत्तर-पश्चिम भारत में पैदा होने वाला बासमती चावल खास होता है। जो बासमती उत्तर-पश्चिम भारत में पैदा होता है, वही असली बासमती है, उसमें एक क्षेत्रीय खासियत होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हम उसका मध्य प्रदेश तक विस्तार करते हैं या कल हम कहते हैं कि आंध्र प्रदेश में जो चावल पैदा हो रहा है वह भी वही बासमती है तो ऎसा कहना सही नहीं है। जब अमेरिका में बासमती जैसा चावल पैदा हो सकता है तो कहीं भी हो सकता है लेकिन उसमें वो खास बात नहीं होगी। इसलिए पाकिस्तान की आपत्ति में काफी दम है। इसलिए हमें इस मामले में थोडी सावधानी बरतनी होगी ताकि हम व्यापार के लिए किसी टैग का दुरूयोग न करें।