दूसरे देशों में जीएसटी का जायजा चाहते हैं वित्त मंत्री
Source : business.khaskhabar.com | May 09, 2015 | 

तिरूवनंतपुरम। राज्य के वित्त मंत्रियों की यहां शुक्रवार को समाप्त हुई दो दिवसीय बैठक में केंद्र सरकार से यह अनुरोध करने का निर्णय लिया गया कि अधिकार प्राप्त समिति के सदस्यों को कुछ उन देशों की यात्रा का अवसर दिया जाए, जहां जीएसटी लागू है। बैठक में 15 राज्यों के वित्त मंत्रियों और 30 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के वर्तमान अध्यक्ष और केरल के वित्त मंत्री के.एम. मणि ने संवाददाताओं से कहा कि इस यात्रा का मकसद उन देशों में इसके कार्यान्वयन के तरीकों का अध्ययन करना है।
मणि ने कहा, हमने केंद्र से यह अनुरोध करने का फैसला किया है कि अधिकार प्राप्त समिति के सदस्यों को कुछ ऎसे देशों की यात्रा पर भेजा जाए, जहां जीएसटी लागू है। समूह ने "कारोबारी प्रक्रिया पर संयुक्त समिति" की रपट पर भी विचार किया। मणि ने कहा कि सदस्यों को रपट पर विचार विमर्श करने और फैसला करने के लिए कुछ और समय चाहिए। मणि ने कहा कि इसलिए इस रपट पर समिति की अगली बैठक में विचार किया जाएगा। मणि ने शुक्रवार सुबह समिति को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्वीकरण के युग में कराधान और लोक वित्तीयन से संबंधित मुद्दा अधिकाधिक जटिल होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी व्यवस्था 130 देशों में लागू है।
मणि ने कहा, वैश्विक परिदृश्य और अन्य देशों की कर नीतियों पर विचार किए बिना कराधान से संबंधित राष्ट्रीय नीति बनाना लगभग असंभव है। उन्होंने कहा कि आज वस्तु एवं सेवा के बीच अंतर करने वाली कर व्यवस्था प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की राह में एक बहुत ब़डा रो़डा है। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि जीएसटी लागू करने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा। राज्यों को आय प्रभावित होने का डर है। समूह के सामने चुनौती यह है कि जीएसटी लागू किए जाने के बाद किसी भी राज्य की आय प्रभावित नहीं हो। केंद्र ने पांच साल तक किसी भी तरह के नकारात्मक प्रभाव की भरपाई करने का वादा किया है।