ओएनजीसी असम, त्रिपुरा में अपना रही नई तकनीक
Source : business.khaskhabar.com | Jun 15, 2015 | 

अगरतला। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने असम और त्रिपुरा में अतिरिक्त गैस पता करने के लिए बहुचरणीय हाइड्रो-फ्रैक्चरिंग तकनीक का उपयोग किया है। यह बात रविवार को कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही।
कंपनी के कार्यकारी निदेशक, वीपी महावर ने संवाददाताओं से कहा, ""ओएनजीसी ने असम में और गैस का पता करने के लिए इस साल हाइड्रो-फ्रैक्चरिंग तकनीक का उपयोग किया है। इसी तरह की प्रणाली अब त्रिपुरा में अपनाई गई है।"" उन्होंने कहा, ""ओएनजीसी ने उत्तर त्रिपुरा के खुबाल गैस क्षेत्र में वास्तविक भंडार का पता करने के लिए और पश्चिमी त्रिपुरा के बारामुरा में उत्पादन बढ़ाने के लिए हाइड्रो-फ्रैक्चरिंग का उपयोग किया है।"" कंपनी ने पिछले कुछ दशकों में त्रिपुरा में विभिन्न गैस क्षेत्रों में विशाल गैस भंडारों की खोज की है और 1974 में उसने बारामुरा में पहला गैस उत्पादन क्षेत्र स्थापित किया था। कंपनी के कार्यकारी निदेशक ने कहा, ""बारामुरा क्षेत्र में सख्त परत में से गैस उत्पादन बढ़ाने के लिए हाइड्रो-फ्रैक्चरिंग का उपयोग करने का फैसला किया गया।""
महावर ने कहा कि त्रिपुरा में अन्य गैस क्षेत्रों में भी हाइड्रो-फ्रैक्चरिंग प्रणाली का उपयोग करने के लिए त्रिपुरा में एक स्थायी वेल स्टीमुलेशन सर्विस (डब्ल्यूएलएल) इकाई की स्थापना की जाएगी। कंपनी ने अब तक त्रिपुरा में 190 कुएं खोदे हैं और आधे से अधिक कुएं में गैस मिले हैं। उन्होंने कहा, ""अभी हमारी गैस उत्पादन क्षमता रोजाना 44.3 लाख मानक घन मीटर है और इसे दो साल में बढ़ाकर 51 लाख मानक घन मीटर किया जाएगा।"" कंपनी राजस्थानी की चंबल फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड और त्रिपुरा सरकार के साथ मिलकर उत्तर त्रिपुरा में 5,000 करो़ड रूपये का एक ऊर्वरक संयंत्र स्थापित करेगी। महावर ने कहा, ""ऊर्वरक परियोजना स्थापित करने के लिए प्रक्रिया जारी है।"" कंपनी जल्द ही राज्य में उत्खनन क्षमता बढ़ाने के लिए एक चीन निर्मित रिग लगाएगी।