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मिराक ने रद्द किया सहारा कर्ज का सौदा, शुल्क लौटाया

Source : business.khaskhabar.com | Feb 17, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Mirach asks Supreme Court to let it buy Sahara assetsन्यूयार्क। विफल ऋण सौदे पर सहारा के साथ वाक्युद्ध के बीच अमेरिका की कंपनी मिराक ने बुधवार को कहा कि उसने सौदे की जांच-पडताल से संबद्ध पूरा 26.25 लाख डॉलर का शुल्क भारतीय समूह को लौटा दिया है लेकिन वह समूह के तीन होटलों की पूरी खरीदारी के लिए 2.05 अरब डॉलर की पेशकश करना चाहती है।

भारतीय मूल के कारोबारी सारांश शर्मा के संचालन में चलने वाली मिराक कैपिटल ने कहा कि भारतीय समूह "अनिच्छुक विक्रेता" बना हुआ है। जेल में बंद सहारा समूह सुब्रत राय को रिहा कराने के लिए सहारा के प्रयासों के संकट मोचक के रूप में मिराक उभर कर आई थी लेकिन 2.05 अरब डॉलर का उसका वित्तपोषण सौदा कथित "फर्जी पत्र" विवाद में फंस गया। एक बयान में मिराक ने कहा कि उसने 26.25 लाख डॉलर सेबी-सहारा फंड को भेज दिया। साथ ही सहारा समूह को कर्ज देने का प्रस्ताव समाप्त कर दिया है। इस कर्ज में विदेशों में स्थित समूह के तीन होटलों -न्यूयार्क स्थित द प्लाजा और ड्रीम डाउनटाउन तथा लंदन स्थित ग्रोजवेनोर हाउस के लिए सहारा समूह की ओर से बैंक ऑफ चाइना से लिए गए कजरें का हस्तांतरण निवेशकों के नए समूह को किया जाना शामिल था। मिराक के बयान के अनुसार, "सहारा के साथ 10 दिसंबर 2014 के समझौते के तहत मिराक कैपिटल समूह कानूनी, एकाउंटिंग तथा लेन-देन संबंधी शुल्क सहारा से लेने की हकदार थी लेकिन कंपनी ने अपने ऊपर लगे "निराधार आरोपों" के मद्देनजर पूर्व की चीजों को साफ कर नई शुरूआत करने के इरादे से धन लौटाया है।

बयान में कहा गया है, "हालांकि मामले में 1,075,000 डालर का खर्च आया मिराक ने पूरी राशि सहारा को लौटा दी। इसका मकसद भारतीय उच्चतम न्यायालय को यह दिखाना है कि अमेरिकी इकाई लागत का वहन करने को तैयार है और उसे 20 फरवरी को निष्पक्ष फैसले का इंतजार है।" मिराक के अनुसार उसके मुख्य कार्यपालक सारांश शर्मा ने मामले में न्यायालय की मदद कर रहे सेबी तथा सहारा के प्रतिनिधियों को धन भेजने के बारे में पत्र लिखा है। शर्मा के हवाले मिराक ने पत्र में कहा है, "मिराक तेजी से इस सौदे को पूरा करने को इच्छुक और सक्षम हैं।" मिराक ने उच्चतम न्यायालय से मामले में हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए कहा कि समूह तथा उसके निवेशकों का समूह सहारा की संपत्तियों को खरीदने के लिये तैयार और सक्षम है।

न्यायालय ने सहारा-मिराक सौदे को पूरा करने के लिए 20 फरवरी तक का समय दिया हुआ है लेकिन बैंक आफ अमेरिका के इस दावे के बाद कि वह सौदे से जुडा नहीं है, मामला अटक गया है। बाद में सहारा ने कहा कि उसने अपनी जांच-पडताल में बैंक आफ अमेरिका के कथित पत्र को फर्जी पाया है और मिराक-सहारा सौदे के लिये 1.05 अरब डॉलर की गारंटी उपलब्ध कराने का दावा किया। वहीं दूसरी तरफ मिराक ने फर्जीवाडे के आरोप से इनकार किया। दोनों समूह ने एक-दूसरे के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। मिराक ने एक बयान में कहा कि उसने पूर्व में ऋण पैकेज में शामिल सभी संपत्तियों के लिए पेशकश की है और 2.05 अरब डॉलर के इस सौदे से राय तथा उनके ऋणदाताओं को राहत मिल सकती है। निवेशकों पर बकाए कुल 20,000 करोड रूपए लौटाए जाने से जुडे मामले में राय और उनके दो सहयोगी लगभग एक साल से जेल में हैं।