भारत का कार निर्यात 5 फीसदी घटा
Source : business.khaskhabar.com | Aug 18, 2014 | 

नई दिल्ली। छोटी कारों के निर्यात के लिए एक वैश्विक हब बनने की भारत की महत्वाकांक्षी योजना को धक्का लगा है। यूरोप को कारों का निर्यात घटने और पडोस में प्रतिकूल माहौल के चलते भारत दो अरब डॉलर के अवसर से चूक गया। सोसाइटी ऑफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) के अप्रैल-जुलाई के ताजा आंकडों के मुताबिक, कारों का निर्यात 5.02 प्रतिशत घटकर 1,71,274 इकाइयों का रहा जो बीते साल की इसी अवधि में 1,80,332 इकाइयों का था। सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा, भारतीय कारों का निर्यात नई दिशा ले रहा है।
पहले ज्यादातर निर्यात यूरोप और दक्षिण एशिया को होता था, लेकिन दोनों जगह नरमी है और कंपनियां लातिन अमेरिका व अफ्रीका में नए बाजार तैयार करने पर ध्यान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि यूरोप और पडोसी देशों में हुए घाटे से उबरने में समय लगेगा। भारत की सबसे बडी कार निर्यातक हुंदै ने यूरोप के लिए माडलों का उत्पादन तुर्की व चेक गणराज्य ले जाने के बाद अपने चेन्नई संयंत्र से यूरोप के लिए निर्यात बंद कर दिया है। कंपनी के इस कदम से उसके चेन्नई संयंत्र से निर्यात में करीब 25 प्रतिशत की कमी आएगी और इस साल यह 1.9 लाख इकाइयों का रह जाएगा जो पिछले साल 2.53 लाख इकाइयों का था। पिछले साल भारत से कारों के कुल निर्यात में हुंडई का 45 प्रतिशत योगदान रहा।
दूसरी ओर, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल जैसे पडोसी देशों में चुनौतियों से भी भारत ने कारों के निर्यात के अवसर गंवाए हैं। माथुर ने कहा, हमारे पडोस में, श्रीलंका को निर्यात पर रोक है, जबकि बांग्लादेश सेकेंड हैंड वाहनों का बाजार बन गया है और इसी तरह की स्थिति नेपाल व भूटान में है जिससे हमारी छोटी कारों का निर्यात गैर-प्रतिस्पर्धी बन गया है। यह पूछे जाने पर कि इससे कितना नुकसान हो सकता है, सियाम के उप महानिदेशक सुगातो सेन ने कहा, हम अपने पडोसी देशों को 2 अरब डालर मूल्य की कारों का निर्यात कर सकते थे।