चालू खाता घाटा तीसरी तिमाही में 4.2 अरब डॉलर
Source : business.khaskhabar.com | Mar 06, 2014 | 

मुंबई। निर्यात में वृद्धि तथा सोने के आयात में नरमी से भारत का चालू खाते का घाटा (कैड) वित्त वर्ष 2013-14 की दिसंबर तिमाही में कम होकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.2 अरब डॉलर या 0.9 प्रतिशत रहा।
आंकडा जारी करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा, "चालू खाते के घाटे में कमी का प्रमुख कारण निर्यात में वृद्धि तथा आयात खासकर सोने के आयात में नरमी है।" अवधि विशेष में विदेशी मुद्रा के खर्च और आमद के अंतर को बताने वाला कैड 2012-13 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 31.9 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 6.5 प्रतिशत था। अप्रैल-दिसंबर, 2013 में यह घटकर 31.1 अरब डॉलर (जीडीपी का 2.3 प्रतिशत) रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2012-13 की इसी अवधि में 69.8 अरब डॉलर (जीडीपी) का 5.2 प्रतिशत था।
रिजर्व बैंक के अनुचार चालू खाते के घाटे में कमी का मुख्य कारण व्यापार घाटे में कमी है। साथ ही शुद्ध रूप से अदृश्य प्राप्ति में वृद्धि है। रिजर्व बैंक के भुगतान संतुलन के आंकडों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वस्तुओं का निर्यात 7.5 प्रतिशत बढकर 79.8 अरब डॉलर रहा। वहीं आयात 2013-14 की तीसरी तिमाही में 14.8 प्रतिशत घटकर 112.9 अरब डॉलर रहा जबकि 2012-13 की तीसरी तिमाही में 10.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।