एमएटी मुद्दा न सुलझा तो दूर हो जाएंगे विदेशी निवेशक: फिच
Source : business.khaskhabar.com | May 09, 2015 | 

मुंबई। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच का कहना है कि यदि सरकार ने न्यूनतम वैकल्पिक कर-एमएटी मुद्दे को जल्द नहीं सुलझाया तो पूंजीगत लाभ पर एमएटी की वजह से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजारों से दूरी बना सकते हैं। फिच के निदेशक थॉमस रूकमेकर ने कहा,पूंजीगत लाभ पर पिछली तिथि के प्रभाव से लगने वाले यानी रेट्रोस्पैक्टिव कर से लंबी अवधि में इससे निवेशकों पर प्रभाव स्पष्ट नहीं है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने हालांकि, इस मुद्दे पर समिति के विशेषज्ञों से सुझाव लेने का आश्वासन दिया है।
रूकमेकर ने आईएएनएस को ई-मेल के जरिए दिए अपने बयान में कहा,इससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को भविष्य में घरेलू बाजार में निवेश करने में दो बार सोचना प़ड सकता है। हालांकि अपने समकक्षों की तुलना में भारत का मजबूत विकास परिदृश्य निवेशकों को आकर्षित कर सकता है। उन्होंने कहा,हाल के कुछ सप्ताहों में बाजार में शुद्ध विदेशी निवेशक निवेश से बाहर निकले हैं। जेटली ने शुक्रवार को संसद में कहा था कि मंत्रालय ने विदेशी फंड के साथ पैदा हुए न्यूनतम वैकल्पिक कर विवाद से संबंधित मुद्दे को विधि आयोग के अध्यक्ष एपी शाह की अध्यक्षता वाली एक समिति के पास भेज दिया गया है और उस पर जल्द सुझाव देने का आग्रह किया गया है।
जेटली ने कहा,मुझे एफआईआई पर लागू एमएटी और कुछ अन्य करों के लिए बडी संख्या में सुझाव प्राप्त हुए हैं। हमने विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एपी शाह की अध्यक्षता वाली एक समिति के पास इस मुद्दे को भेजने का फैसला किया है।
(आईएएनएस)