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Automobile News
भारत-यूके व्यापार समझौता: लग्जरी कारों पर आयात शुल्क में भारी कटौती, इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा फायदा
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इससे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ब्रिटिश लग्जरी और इलेक्ट्रिक कारों की कीमतें काफी कम हो जाएंगी। समझौते के तहत, रोल्स-रॉयस, जगुआर लैंड रोवर जैसी कारों पर आयात शुल्क अगले 15 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से 110% से घटाकर 10% तक लाया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों और ट्रकों को भी टैरिफ रेट कोटा (TRQ) के तहत बड़ी छूट मिलेगी, जिससे भारतीय बाजार में ब्रिटिश वाहनों की पहुंच बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे।
पेट्रोल के बढ़ते दाम में Hero Passion Plus बनी पहली पसंद, बिक्री में 100 प्रतिशत से अधिक का उछाल
जून 2025 में Hero Passion Plus की बिक्री 100% से अधिक बढ़कर 26,249 यूनिट्स हो गई है। शानदार माइलेज (70 किमी/लीटर), कम मेंटेनेंस और i3S टेक्नोलॉजी ने इसे उपभोक्ताओं की पहली पसंद बना दिया है। ₹82,451 (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत वाली यह बाइक प्रतिदिन यात्रा करने वालों के लिए किफायती और भरोसेमंद विकल्प है। इसका 97.2 सीसी इंजन 7.91 बीएचपी पावर देता है और एक टैंक में लगभग 750 किमी चल सकती है, जो इसकी सफलता का प्रमुख कारण है।
टोयोटा ने बढ़ाई गाड़ियों की कीमतें: इनोवा, रुमियन और टैसर अब महंगी, जानिए…क्या होंगे नए दाम
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने जुलाई 2025 से इनोवा क्रिस्टा, रुमियन और अर्बन क्रूजर टैसर के दाम 26,000 रुपये तक बढ़ा दिए हैं। बढ़ती निर्माण लागत को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। इनोवा क्रिस्टा को सबसे ज्यादा झटका लगा है। टैसर अब ₹7.77 लाख से, रुमियन ₹10.66 लाख से, और इनोवा क्रिस्टा ₹19.99 लाख से शुरू होगी। इन लोकप्रिय मॉडलों की बिक्री पर खास असर पड़ने की संभावना कम है।
मारुति सुजुकी ने बनाया रिकॉर्ड: 3.3 लाख से अधिक वाहनों का निर्यात, फ्रॉन्क्स बनी भारत की नंबर 1 SUV
मारुति सुजुकी इंडिया ने वित्त वर्ष 2025 में 3.3 लाख से अधिक इकाइयों का निर्यात कर रिकॉर्ड बनाया, जो पिछले वित्त वर्ष से 17.5% अधिक है। फ्रॉन्क्स सिर्फ 25 महीनों में 1 लाख निर्यात के साथ भारत की सबसे अधिक निर्यातित एसयूवी बन गई। मारुति लगातार चार वित्तीय वर्षों से यात्री वाहन निर्यात में अग्रणी है, जिसकी भारत के पीवी निर्यात में 47% हिस्सेदारी है। कंपनी का 'मेक इन इंडिया' मॉडल वैश्विक बाजारों में सफल हो रहा है।
क्या भारत में 'टेस्ला युग' का आगाज हो चुका है? ₹22,220 की बुकिंग पर नो-रिफंड, जानें पूरी कहानी
टेस्ला ने भारत में अपनी पहली इलेक्ट्रिक SUV, मॉडल Y की बुकिंग शुरू कर दी है, जिसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत ₹59.89 लाख है। ग्राहक ₹22,220 की शुरुआती राशि देकर इसे बुक कर सकते हैं, लेकिन यह और इसके बाद का ₹3 लाख का भुगतान दोनों ही नॉन-रिफंडेबल हैं। यह कार 500 किमी से 622 किमी तक की रेंज देती है और इसमें लेवल-4 स्वायत्त ड्राइविंग (FSD) जैसे उन्नत फीचर्स हैं। डिलीवरी पहले मुंबई, पुणे, दिल्ली और गुरुग्राम में शुरू होगी।
क्या अब आपकी ड्रीम कार बनेगी हकीकत? भारत में बनने जा रही है लैंड रोवर डिफेंडर, कीमतों में होगी बड़ी कटौती
स्थानीय उत्पादन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आयात शुल्क में भारी कमी आएगी, जिससे डिफेंडर की कीमतों में बड़ी कटौती हो सकती है। यह डिफेंडर को भारतीय ग्राहकों के लिए और अधिक सुलभ बनाएगा और बाजार में उसकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा। वर्तमान में डिफेंडर का उत्पादन स्लोवाकिया के Nitra प्लांट में होता है। हालांकि, वहां से CKD (Completely Knocked Down) किट भेजने के लिए अतिरिक्त सुविधाओं की आवश्यकता है, जिसमें कुछ समय लग सकता है। इसके लिए भारत और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार समझौतों और लॉजिस्टिक्स पर भी विचार किया जा रहा है।
रेनो भारत में नई पहचान के साथ : डायमंड लोगो संग नई ट्राइबर की दस्तक, भविष्य की ओर अग्रसर कंपनी
रेनो भारत में अपनी नई ब्रांड पहचान की शुरुआत नई ट्राइबर के साथ कर रहा है, जिसमें नया 'डायमंड' लोगो होगा। यह लोगो कंपनी की आधुनिक और डिजिटल पहचान को दर्शाता है, जिसे सभी टचपॉइंट्स पर लागू किया जाएगा। नए सीईओ स्टेफन डेब्लैस की नियुक्ति हुई है। कंपनी अगले दो वर्षों में पांच नए मॉडल लॉन्च करेगी, जिसमें भारत के लिए एक इलेक्ट्रिक कार भी शामिल है। नई डस्टर SUV भी 5 और 7-सीटर विकल्पों में दमदार डिजाइन के साथ आएगी, जो भारतीय बाजार में रेनो की मजबूत उपस्थिति का संकेत है।
भारत की पहली 7-सीटर MPV लॉन्च: Kia Carens Clavis EV की बुकिंग शुरू, 490 किमी रेंज के साथ ₹17.99 लाख से शुरू
किआ इंडिया ने भारत की पहली मेड-इन-इंडिया 7-सीटर इलेक्ट्रिक MPV, 'कैरेंस क्लाविस EV' की बुकिंग ₹25,000 में शुरू कर दी है। इसकी शुरुआती कीमत ₹17.99 लाख है। यह दो बैटरी विकल्पों (404 किमी और 490 किमी रेंज) के साथ आती है, जिसमें 143 PS की पावर मिलती है। डुअल स्क्रीन, लेवल-2 ADAS, 6 एयरबैग्स और V2L/V2V जैसी उन्नत सुविधाएँ इसमें शामिल हैं। किआ का लक्ष्य इसे फैमिली-फ्रेंडली और लंबी रेंज वाली इलेक्ट्रिक कार चाहने वालों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाना है।
क्या हीरो की यह नई सवारी बनेगी आपकी अगली पसंद ? किफायती दाम में दमदार फीचर्स का नया धमाका
हीरो मोटोकॉर्प ने ₹73,500 की एक्स-शोरूम कीमत पर नई HF डीलक्स प्रो लॉन्च की है। यह 100cc कम्यूटर बाइक 97.2cc इंजन, i3S टेक्नोलॉजी और 7.9 बीएचपी पावर के साथ उत्कृष्ट माइलेज देती है। इसमें एलईडी हेडलैंप, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और नए ग्राफिक्स जैसे आधुनिक फीचर्स शामिल हैं, जो इसे युवा और दैनिक यात्रियों के लिए एक किफायती तथा आकर्षक विकल्प बनाते हैं। यह भारतीय बाजार में अपनी श्रेणी की अन्य लोकप्रिय बाइकों को सीधी टक्कर देगी।
Creta की बादशाहत कायम: जून 2025 में टॉप-10 SUV की रेस में बनी नंबर-1, जानें बाकियों का क्या हाल?
जून 2025 में Hyundai Creta 15,786 यूनिट्स की बिक्री के साथ सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी बनी रही। दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमशः Toyota Hyryder और Maruti Suzuki Grand Vitara रहीं। लिस्ट में Kia Seltos और Tata Curvv जैसे मॉडल्स भी शामिल थे। रिपोर्ट से पता चलता है कि जहां क्रेटा का दबदबा बरकरार है, वहीं EV सेगमेंट की रफ्तार धीमी है, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा की नई तस्वीर उभरी है।
Maruti S-Presso पर बंपर ऑफर: 67,500 की छूट, 32km का माइलेज और अब 6 एयरबैग की सुरक्षा भी
मारुति सुजुकी इंडिया अपनी लोकप्रिय माइक्रो SUV S-Presso पर जुलाई 2025 में 67,500 रुपये तक की भारी छूट दे रही है। 4.26 लाख रुपये की शुरुआती कीमत वाली यह कार अब 6 एयरबैग जैसे सुरक्षा फीचर्स के साथ आती है। पेट्रोल में 24.76 kmpl और CNG वेरिएंट में 32 km/kg का माइलेज देने वाली यह कार अपने आकर्षक डिस्काउंट और बेहतर सुरक्षा के कारण एक बेहतरीन विकल्प बन गई है।
डिजिटल युद्ध में जापान की नई रणनीति: होंडा-निसान मिलकर बनाएंगे स्मार्ट कार ब्रेन, चीन को देंगे सीधी चुनौती
होंडा और निसान ने चीन की टेक कंपनियों को टक्कर देने के लिए मिलकर कारों का अगली पीढ़ी का सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म 'डिजिटल ब्रेन' बनाने का फैसला किया है। 10 अरब डॉलर से अधिक के निवेश के साथ यह साझेदारी इंजन से हटकर डेटा और डिजिटल इंटेलिजेंस पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य विकास लागत को कम करना, तकनीकी उन्नयन में तेजी लाना और अपनी कारों का संचालन एक साझा सॉफ्टवेयर कोर पर करना है। यह कदम जापान को भविष्य की स्मार्ट कारों की दौड़ में बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में 22 प्रतिशत बढ़ा
भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में 22 प्रतिशत बढ़ा नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) की अप्रैल-जून तिमाही में भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह मजबूत वृद्धि यात्री वाहनों की रिकॉर्ड शिपमेंट के साथ-साथ दोपहिया, वाणिज्यिक वाहनों और तिपहिया वाहनों के मजबूत प्रदर्शन के कारण संभव हुई है। कुल मिलाकर भारत ने पहली तिमाही में सभी श्रेणियों में 14,57,461 वाहनों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 11,92,566 वाहनों के निर्यात से 22 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों का निर्यात 2,04,330 इकाइयों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में निर्यात की गई 1,80,483 इकाइयों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। सियाम ने इस वृद्धि का श्रेय अधिकांश अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिर मांग और मध्य पूर्व एवं लैटिन अमेरिका में मजबूत प्रदर्शन को दिया। श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में मांग में सुधार के साथ-साथ जापानी बाजार में बढ़ती शिपमेंट से निर्यात को बढ़ावा मिला। सियाम ने आगे बताया कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) ने निर्यात बढ़ाने में मदद की। देश की अग्रणी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों की शीर्ष निर्यातक रही। कंपनी ने अन्य देशों को 96,181 कारें भेजीं, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में निर्यात की गई 69,962 कारों की तुलना में 37 प्रतिशत अधिक है। हुंडई मोटर इंडिया ने इस दौरान 48,140 कारों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 42,600 कारों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। पहली तिमाही में दोपहिया वाहनों का निर्यात 23 प्रतिशत बढ़कर 11,36,942 इकाई हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 9,23,148 इकाई था। वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात भी 23 प्रतिशत बढ़कर 19,427 इकाई हो गया है। तिपहिया वाहनों के निर्यात में सभी सेगमेंट में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, जो अप्रैल-जून तिमाही में 34 प्रतिशत बढ़कर 95,796 इकाई हो गया है। --आईएएनएस एबीएस/
भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में 22 प्रतिशत बढ़ा नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) की अप्रैल-जून तिमाही में भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह मजबूत वृद्धि यात्री वाहनों की रिकॉर्ड शिपमेंट के साथ-साथ दोपहिया, वाणिज्यिक वाहनों और तिपहिया वाहनों के मजबूत प्रदर्शन के कारण संभव हुई है। कुल मिलाकर भारत ने पहली तिमाही में सभी श्रेणियों में 14,57,461 वाहनों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 11,92,566 वाहनों के निर्यात से 22 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों का निर्यात 2,04,330 इकाइयों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में निर्यात की गई 1,80,483 इकाइयों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। सियाम ने इस वृद्धि का श्रेय अधिकांश अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिर मांग और मध्य पूर्व एवं लैटिन अमेरिका में मजबूत प्रदर्शन को दिया। श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में मांग में सुधार के साथ-साथ जापानी बाजार में बढ़ती शिपमेंट से निर्यात को बढ़ावा मिला। सियाम ने आगे बताया कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) ने निर्यात बढ़ाने में मदद की। देश की अग्रणी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों की शीर्ष निर्यातक रही। कंपनी ने अन्य देशों को 96,181 कारें भेजीं, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में निर्यात की गई 69,962 कारों की तुलना में 37 प्रतिशत अधिक है। हुंडई मोटर इंडिया ने इस दौरान 48,140 कारों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 42,600 कारों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। पहली तिमाही में दोपहिया वाहनों का निर्यात 23 प्रतिशत बढ़कर 11,36,942 इकाई हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 9,23,148 इकाई था। वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात भी 23 प्रतिशत बढ़कर 19,427 इकाई हो गया है। तिपहिया वाहनों के निर्यात में सभी सेगमेंट में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, जो अप्रैल-जून तिमाही में 34 प्रतिशत बढ़कर 95,796 इकाई हो गया है। --आईएएनएस एबीएस/
भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में 22 प्रतिशत बढ़ा नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) की अप्रैल-जून तिमाही में भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह मजबूत वृद्धि यात्री वाहनों की रिकॉर्ड शिपमेंट के साथ-साथ दोपहिया, वाणिज्यिक वाहनों और तिपहिया वाहनों के मजबूत प्रदर्शन के कारण संभव हुई है। कुल मिलाकर भारत ने पहली तिमाही में सभी श्रेणियों में 14,57,461 वाहनों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 11,92,566 वाहनों के निर्यात से 22 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों का निर्यात 2,04,330 इकाइयों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में निर्यात की गई 1,80,483 इकाइयों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। सियाम ने इस वृद्धि का श्रेय अधिकांश अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिर मांग और मध्य पूर्व एवं लैटिन अमेरिका में मजबूत प्रदर्शन को दिया। श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में मांग में सुधार के साथ-साथ जापानी बाजार में बढ़ती शिपमेंट से निर्यात को बढ़ावा मिला। सियाम ने आगे बताया कि ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) ने निर्यात बढ़ाने में मदद की। देश की अग्रणी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अप्रैल-जून तिमाही में यात्री वाहनों की शीर्ष निर्यातक रही। कंपनी ने अन्य देशों को 96,181 कारें भेजीं, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में निर्यात की गई 69,962 कारों की तुलना में 37 प्रतिशत अधिक है। हुंडई मोटर इंडिया ने इस दौरान 48,140 कारों का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 42,600 कारों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। पहली तिमाही में दोपहिया वाहनों का निर्यात 23 प्रतिशत बढ़कर 11,36,942 इकाई हो गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 9,23,148 इकाई था। वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात भी 23 प्रतिशत बढ़कर 19,427 इकाई हो गया है। तिपहिया वाहनों के निर्यात में सभी सेगमेंट में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, जो अप्रैल-जून तिमाही में 34 प्रतिशत बढ़कर 95,796 इकाई हो गया है। --आईएएनएस एबीएस/
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही) की अप्रैल-जून तिमाही में भारत...
अप्रिलिया ने नई SR 125 लॉन्च की, ₹1.20 लाख की कीमत पर मिलेगा TFT डिस्प्ले और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी
भारत में 12 अगस्त को लॉन्च हो रही Mercedes-AMG CLE 53 Coupé, 446 bhp की पावर के साथ 4.2 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है। यह कूपे C-क्लास और E-क्लास कूपे का उत्तराधिकारी है और इसका सीधा मुकाबला BMW M2 और Audi RS5 Sportback जैसी कारों से होगा। इसमें एक हाइब्रिड इंजन, 4MATIC+ ऑल-व्हील ड्राइव और उन्नत टेक्नोलॉजी वाले फीचर्स दिए गए हैं।
महिंद्रा थार का नया अवतार जल्द, 2026 में फेसलिफ्ट और अगले 2 साल में इलेक्ट्रिक Thar.e की होगी एंट्री
महिंद्रा जल्द ही 3-डोर थार का फेसलिफ्ट और एक इलेक्ट्रिक वेरिएंट Thar.e लॉन्च करेगी। फेसलिफ्ट में 10.25 इंच का नया टचस्क्रीन और अपडेटेड इंटीरियर होगा, जबकि इंजन वही रहेगा। इलेक्ट्रिक Thar.e को INGLO P1 प्लेटफॉर्म पर बनाया जाएगा और इसे 15 अगस्त को टीज़ किया जाएगा। 2026 में फेसलिफ्ट और अगले 1-2 साल में इलेक्ट्रिक थार की एंट्री से महिंद्रा का SUV सेगमेंट में दबदबा बढ़ेगा।
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जीएसटी सुधारों के कारण वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी : रिपोर्ट
जीएसटी सुधारों से 3 किलोवाट के रूफटॉप सोलर सिस्टम की कीमत में आएगी 10,500 रुपए तक की कमी
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
स्थिर मुद्रास्फीति और तेल कीमतों के बीच नवंबर तक सरकारी बॉन्ड यील्ड में 10 आधार अंकों की गिरावट की संभावना : रिपोर्ट नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। अनुकूल मुद्रास्फीति के आंकड़ों और तेल की स्थिर कीमतों के कारण अगले तीन महीनों में बेंचमार्क भारतीय बॉन्ड यील्ड में थोड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। रिसर्च फर्म क्रिसिल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि 10-ईयर सरकारी बॉन्ड यील्ड, जो 31 अगस्त को 6.59 प्रतिशत था, सितंबर के अंत तक 6.42 -6.52 प्रतिशत और नवंबर के अंत तक 6.38 -6.48 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है। स्टेट डेवलपमेंट लोन यील्ड नवंबर तक 7.23 प्रतिशत से घटकर 7.15 -7.25 प्रतिशत के दायरे में आने की उम्मीद है, जबकि 10-ईयर कॉर्पोरेट बॉन्ड यील्ड 7.19 प्रतिशत से घटकर 7.08-7.18 प्रतिशत के दायरे में आ सकता है। क्रिसिल ने बताया कि तेल की नरम कीमतें भू-राजनीतिक जोखिमों और वैश्विक विकास में धीमी गति के प्रभावों की भरपाई कर रही हैं। यील्ड को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी का आगामी निर्णय, अगस्त में घरेलू बाजार में औसतन 2.84 लाख करोड़ रुपये की तरलता, चल रही अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताएँ और अस्थिर विदेशी पूंजी प्रवाह हैं। 1 जुलाई से 8 सितंबर के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल 1.02 लाख करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे, जिनमें से सितंबर के पहले छह सत्रों में 7,800 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा अक्टूबर की बैठक में रेपो दर में कटौती की संभावना कम है, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने एक विराम की घोषणा की है और संकेत दिया है कि आगे कोई भी हस्तक्षेप आंकड़ों पर निर्भर करेगा। रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में जीएसटी को रेशनलाइज बनाने के कारण वास्तविक राजकोषीय प्रभाव अपेक्षा से कम होगा। भारत की पहली तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच गई है और सरकार द्वारा जीएसटी स्ट्रक्चर को सरल बनाने के फैसले से अर्थव्यवस्था में लगभग 50,000 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स ने हाल ही में कहा था कि अमेरिका और ब्रिटेन में राजकोषीय तनाव वैश्विक व्यापार तनाव को जटिल बना रहा है और बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण बॉन्ड यील्ड कर्व और अधिक बढ़ रहा है। --आईएएनएस एसकेटी/
डा. रत्नेश लाल आईडीएसए के चेयरमैन, अपराजिता सरकार वाईस चेयरमैन निर्वाचित
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने के बीच दो सप्ताह बाद रुपया 88 के नीचे मजबूत खुला
भारत की MSME आधारित प्रिंटिंग, ब्रांडिंग और साइनेज इंडस्ट्री, मीडिया एक्सपो नई दिल्ली 2025 में दिखाएगी इनोवेशन का जलवा
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