देश की शीर्ष 10 कंपनियों का मार्केट वैल्यूएशन 3 लाख करोड़ से अधिक बढ़ा, एचडीएफसी बैंक शीर्ष पर रहा
एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 76,483.95 करोड़ रुपये बढ़कर 14,58,934.32 करोड़ रुपये हो गया है। भारती एयरटेल के मार्केट वैल्यूएशन में 75,210.77 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिससे कंपनी का मार्केटकैप 10,77,241.74 करोड़ रुपये हो गया है। आईसीआईसीआई बैंक का मार्केट कैप 67,597 करोड़ रुपये बढ़कर 10,01,948.86 करोड़ रुपये हो गया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का मार्केटकैप 38,420.49 करोड़ रुपये बढ़कर 7,11,381.46 करोड़ रुपये हो गया है।
निजी बैंकों के दमदार नतीजों के बाद 'निफ्टी बैंक' पर होगा निवेशकों का फोकस: एनालिस्ट
वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में बैंक का मुनाफा सालाना आधार पर 18 प्रतिशत बढ़कर 12,630 करोड़ रुपये हो गया है। इसके अलावा, जनवरी-मार्च तिमाही में यस बैंक का प्रदर्शन भी मजबूत रहा है। बैंक का मुनाफा सालाना आधार पर 63.7 प्रतिशत बढ़कर 738.12 करोड़ रुपये हो गया है। बाजार के जानकारों के अनुसार, बैंक निफ्टी ने डेली चार्ट पर एक मजबूत बुलिश कैंडल बनाई है, जिसका उच्च स्तर 54,407.20 है जो अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से सिर्फ 60 अंक दूर है। पिछले सात कारोबारी सत्रों में, इंडेक्स ने 10.68 प्रतिशत की मजबूत बढ़त हासिल की है, जो अपने हालिया स्विंग लो से 5,250 अंक से अधिक की तेजी है।
भारतीय शेयर बाजार में तूफानी तेजी, सेंसेक्स 1,508 अंक चढ़कर बंद
भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को बड़ी तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,508 अंक या 1.96 प्रतिशत की तेजी के साथ 78,553 और निफ्टी 414 अंक या 1.77 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,851 पर था।
अगले 12 महीने में 25,500 के पार पहुंच सकता है निफ्टी, एफएमसीजी और डिफेंस सेक्टर करेंगे लीड
वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच निफ्टी अगले 12 महीने में 25,521 के स्तर को छू सकता है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।
मार्केट आउटलुक: तिमाही नतीजे, महंगाई और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से तय होगा बाजार का रुख
टैरिफ के कारण पैदा हुई चिंताओं के कारण बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हफ्ते के दौरान निफ्टी ने 21,743 का न्यूनतम स्तर छुआ। हालांकि, बाद में इसमें मजबूत रिकवरी देखने को मिली। सेक्टोरल इंडेक्स में एफएमसीजी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। वहीं, रियल्टी सेक्टर में सबसे अधिक गिरावट हुई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से बिकवाली का सिलसिला जारी रहा और कैश सेगमेंट में 20,911 करोड़ रुपये की बिकवाली की गई।