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शेयर बाजार में जमकर निवेश कर रहे भारतीय, इस साल 4.5 लाख करोड़ रुपए इक्विटी में डाले 

Source : business.khaskhabar.com | Dec 19, 2025 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 indians are investing heavily in the stock market pouring ₹45 lakh crore into equities this year 777108मुंबई । भारतीय शेयर बाजार में घरेलू निवेशक जमकर निवेश कर रहे हैं। इस साल म्यूचुअल फंड्स और अन्य अप्रत्यक्ष निवेश तरीकों से घरेलू निवेशकों ने इक्विटी मार्केट्स में 4.5 लाख करोड़ रुपए डाले हैं। यह दिखाता है कि घरेलू सेविंग्स अब धीरे-धीरे मार्केट की ओर आकर्षित हो रही है। यह जानकारी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की एक रिपोर्ट में दी गई।  
रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना का बाद देश का रिटेल निवेशकों का आधार तेजी से मजबूत हुआ है और व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या 2025 तक बढ़कर 12 करोड़ से अधिक हो गई है, जो कि 2019 में तीन करोड़ के आसपास थी। 
एनएसई की रिपोर्ट में बताया गया कि इस बढ़त को केवल डायरेक्ट इक्विटी निवेश में भागीदारी का ही समर्थन नहीं मिला है, बल्कि म्यूचुअल फंड्स और अन्य बाजार से जुड़े उत्पादों का भी समर्थन मिला है। 
2020 के बाद भारत का मार्केट-लिंक्ड उपकरणों में घरेलू निवेश बढ़कर करीब 17 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है। यह दिखाता है कि देश के लंबी अवधि के बचत और निवेश करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। 
एक्सचेंज ने रिपोर्ट में कहा गया कि निवेशकों की संख्या बढ़ने का असर इक्विटी निवेश पर भी दिखा है। इस साल करीब 4.5 लाख करोड़ रुपए घरेलू निवेशकों द्वारा बाजार में निवेश किए गए हैं। 
घरेलू निवेशकों की मजबूत स्थिति के बावजूद, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने वर्ष के दौरान भारतीय शेयरों में सीमित रुचि दिखाई।
विदेशी निवेशकों ने अपना निवेश कम करना जारी रखा, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू भागीदारी में वृद्धि ने अस्थिर विदेशी प्रवाह के प्रभाव को कम करने में मदद की और बाजारों को बाहरी झटकों को अधिक आसानी से झेलने में सक्षम बनाया।
रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू निवेशकों की मजबूती प्राथमिक बाजारों में भी दिखी है। 2025 में कंपनियों ने पूंजी जुटाने के मामले में 2024 के स्तर को पार कर दिया है। 
रिपोर्ट में बताया गया कि वैश्विक व्यापार अनिश्चितता एक बड़ी चुनौती रही है। भारत को अमेरिका को निर्यात पर लगने वाले शुल्क में भारी वृद्धि का सामना करना पड़ा, द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जारी रहने के बावजूद शुल्क में अतिरिक्त 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
इन घटनाक्रमों ने वर्ष के शुरुआत भाग में कंपनियों की आय और पूंजी प्रवाह को प्रभावित किया।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाजार की अस्थिरता ने समायोजन के लिए अवसर भी प्रदान किए।
घरेलू निवेशकों ने कीमतों में उतार-चढ़ाव को सहन किया, सितंबर तिमाही तक कंपनियों की आय में सुधार हुआ और बेहतर वित्तीय साक्षरता के कारण अधिक स्थिर और दीर्घकालिक निवेश व्यवहार देखने को मिला।
--आईएएनएस
 

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