देश में चालू रबी सीजन में गेहूं की बिजाई 15 फीसदी घटी
Source : business.khaskhabar.com | Nov 15, 2024 | 
रामबाबू सिंघल
जयपुर। चालू रबी सीजन में गेहूं की बिजाई में पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। इसी माह 8 नवंबर तक देश में गेहूं की बिजाई 41.30 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जबकि गत वर्ष इसी अवधि तक 48.87 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बिजाई हो चुकी थी। गेहूं में इन दिनों वैसे भी तेजी का रुख बना हुआ है। बिजाई के आंकड़े भी 15 फीसदी कम आने से गेहूं में और मजबूती के संकेत हैं। लक्ष्मीभोग आटा, मैदा, सूजी एवं बेसन के निर्माता नरेश चौपड़ा ने कहा कि वर्तमान में त्यौहार एवं सावों को देखते हुए आटा, मैदा एवं सूजी की ज्यादा खपत रहेगी। लिहाजा गेहूं की कीमतों में फिलहाल मंदी के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इन दिनों सरकार ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत भी आटा मिलों को गेहूं उपलब्ध नहीं करा रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल भी देश में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन हुआ है, मगर बाजार में इसके दामों में आग लगी हुई है। आलम ये है कि दिल्ली में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं के दाम 3200 रुपए तथा जयपुर मंडी में 3025 रुपए प्रति क्विंटल पर मजबूत बोले जा रहे हैं।
मांग और आपूर्ति का गणित क्या हैकेन्द्र सरकार इस साल रिकार्ड 1129.25 लाख टन गेहूं उत्पादन का दावा कर रही है। यह पिछले साल के उत्पादन की तुलना में 23.71 लाख टन ज्यादा है। जैतपुरा स्थित श्री आर.के. इंडस्ट्रीज के मनीष खंडेलवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि बंपर पैदावार के बावजूद गेहूं में संकट जैसे हालात बने हुए हैं। क्या केन्द्रीय पूल में बफर स्टॉक कम होने के कारण ऐसा हो रहा है। यहां ये बता देना जरूरी है कि जब सरकार के पास गेहूं की थोड़ी कमी होती है तो पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) में वह चावल की मात्रा बढ़ा देती है और जब चावल की कमी होती है तो गेहूं की मात्रा बढ़ा देती है। पीडीएस और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए सालाना जरूरत मात्र 184 लाख टन की ही है। ऐसे में सरकार के पास पर्याप्त गेहूं मौजूद है। लिहाजा गेहूं में लंबी तेजी का कोई पुख्ता कारण नहीं है।
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