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एक माह में 250 रुपए महंगी हुई बिनौला खल: बढ़ती मांग और कम आपूर्ति बनी वजह

Source : business.khaskhabar.com | Jun 16, 2025 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 cottonseed cake became costlier by rs 250 in a month increasing demand and low supply became the reason 729537जयपुर। जयपुर मंडी में बिनौला खल की कीमतों में पिछले एक माह के दौरान 250 रुपये प्रति क्विंटल की भारी तेजी दर्ज की गई है। सोमवार को बिनौला खल के भाव 3850 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल पर मजबूती के साथ कारोबार कर रहे थे। 
सत्य ट्रेडिंग कंपनी के दिनेश वैद के अनुसार, बढ़ती मांग और कपास की उपलब्धता में कमी इस मूल्य वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। दिनेश वैद ने बताया कि बिनौला खल का उपयोग मुख्य रूप से पशुओं के चारे के रूप में होता है, और डेयरी उद्योगों से इसकी लगातार मजबूत मांग बनी हुई है, जो कीमतों को ऊपर खींच रही है। 
इसके अतिरिक्त, कुछ इलाकों में कपास की फसल से बिनौला की उपज कम होने से इसकी आपूर्ति प्रभावित हुई है। मूंगफली, सोयाबीन और सरसों जैसे अन्य तेल तिलहनों के दामों में उतार-चढ़ाव का असर भी बिनौला खल के भावों पर देखा जा रहा है। 
देश में इस साल बिनौला खल का उत्पादन 66 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि जानकारों के मुताबिक इसकी डिमांड 73 लाख टन के आसपास रहने की संभावना है। वैद का मानना है कि मांग और आपूर्ति के इस बड़े अंतर के कारण बिनौला खल की कीमतों में आगे भी और मजबूती आ सकती है। 
तिल पपड़ी और डली 15 साल के निचले स्तर पर: 
दूसरी ओर, लाल तिल पपड़ी और डली के भाव 15 साल के न्यूनतम स्तर पर आ गए हैं। इसका मुख्य कारण इनकी अधिक पैदावार और बाजार में कमजोर मांग है। जयपुर मंडी में सोमवार को लाल तिल पपड़ी 2100 रुपये प्रति क्विंटल पर बिकी, जबकि लाल तिल डली की कीमतें भी घटकर 4400 रुपये प्रति क्विंटल बोली जा रही थीं। यह स्थिति तिल उत्पादकों के लिए चिंता का विषय बन सकती है। कुल मिलाकर, बिनौला खल का बाजार मजबूत बना हुआ है, जबकि तिल उत्पादों को मांग की कमी और अधिक उत्पादन के कारण निचले स्तर पर कारोबार करना पड़ रहा है।

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