विजय माल्या के ऋणों पर एसबीआई ने साधी चुप्पी
Source : business.khaskhabar.com | July 12, 2016 |
मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शराब कारोबारी विजय माल्या को दिए गए ऋणों के संबंध में बोर्ड की बैठक में हुई चर्चा का विवरण देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि इससे जांच में बाधा आ सकती है। एक कार्यकर्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत एसबीआई की बोर्ड बैठक का ब्यौरा मांगा था।
गलगली का कहना है, ‘‘मैंने आरटीआई के तहत माल्या को दिए गए कुल ऋण, एसबीआई के बोर्ड का एजेंडा, प्रस्ताव, मंजूरी और बैठक के मिनट के विवरण मांगे थे।’’
भारतीय स्टेट बैंक के उपमहाप्रबंधक और तनावग्रस्त संपत्ति प्रबंधन शाखा के जन सूचना अधिकारी ने कहा कि यह मामला फिलहाल न्यायालय के अधीन है और जांच आयोग इसकी जांच कर रहा है। इसलिए आरटीआई एक्ट के धारा 8(1)(एच) के तहत इसकी जानकारी देने से छूट दी गई है।
इस धारा में कहा गया है कि जिस जानकारी से जांच या आशंका या अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रक्रिया में बाधा हो सकती है, उसे देने से मना किया जा सकता है।
गलगली को इस पर काफी आश्चर्य हुआ कि एसबीआई ने उन निदेशकों का नाम बताने से भी मना कर दिया, जो बोर्ड की उस बैठक में शामिल हुए थे, जिसमें माल्या को दिए गए ऋण प्रस्तावों पर चर्चा हुई थी।
गलगली आगे कहते हैं, ‘‘उन लोगों का खुलासा करना बेहद जरूरी है, जो माल्या जैसे गबन करनेवालों की मदद करते हैं। इसलिए एसबीआई को उस बोर्ड बैठक की विस्तृत जानाकारी देनी चाहिए जिसमें माल्य को ऋण देने का फैसला लिया गया था।’’
उन्होंने आरटीआई पर एसबीआई के जबाव को चुनौती देते हुए पहली अपील दाखिल की है और इसमें कहा है कि चूंकि बैठक का एजेंडा, अनुमोदन संकल्प और मिनट्स बैंकों को पहले भी भेजे जा चुके हैं, इसलिए इसकी जानकारी देने से चल रही प्रक्रियाएं प्रभावित नहीं होगी। (IANS)
गलगली कहते हैं, ‘‘ऐसे लोगों को भारी मात्रा में ऋण देकर जनता के धन को चूना लगाने में एसबीआई के अधिकारी भी उतने ही जिम्मेदार है। उन्हें भी गिरफ्तार कर उन पर कार्रवाई करनी चाहिए।’’