मुजफ्फरनगर मंडी में नए गुड़ की आवक शुरू, भावों में गिरावट
Source : business.khaskhabar.com | Oct 15, 2024 | 
- रामबाबू सिंघल की रिपोर्ट - जयपुर। एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में नए गुड़ की आवक शुरू हो गई है। उत्पादन केन्द्रों पर नए गुड़ का उत्पादन प्रारंभ हो गया है। जानकारों के मुताबिक गुड़ बनाने वाले कोल्हुओं में गन्ने की पेराई बड़े स्तर पर शुरू हो गई है। हालांकि अभी गन्ने में रिकवरी कम होने के कारण कोल्हू संचालक गुड़ बनाने में चीनी का भी प्रयोग कर रहे हैं। बाजार में नया गुड़ आते ही पुराने गुड़ के भाव नीचे आ गए हैं।
स्थानीय गुड़ चीनी बाजार में आवक बढ़ते ही मंगलवार को गुड़ के भाव नीचे आ गए। लड्डू गुड़ 36 से 39 रुपए तथा पेडी 37 से 40 रुपए प्रति किलो थोक में बिका। ऊंचे भावों से गुड़ की कीमतों में करीब 6 रुपए प्रति किलो की गिरावट आ चुकी है।
महालक्ष्मी एंड कंपनी के मुरारीलाल अग्रवाल ने बताया कि जयपुर मंडी में प्रतिदिन पांच-छह गाड़ी नया गुड़ आ रहा है। आवक बढ़ने के साथ ही इसमें और मंदी आ सकती है।
उल्लेखनीय है कि गुड़ का सीजन छह माह चलता है। और अगले छह माह तक कोल्ड स्टोरों से गुड़ की सप्लाई होती है।
सीजन के दौरान कोल्ड स्टोरों में गुड़ का भंडारण तकरीबन 15 लाख कट्टे के आसपास हो जाता है। हालांकि इसमें कमी बेशी भी हो जाती है। इस बीच रिटेल काउंटरों पर खेरुज में गुड़ के भाव 60 से 70 रुपए प्रति किलो तक बोले जा रहे हैं। कहीं-कहीं विशेष पैकिंग में गुड़ की कीमतें 100 रुपए प्रति किलो भी बोली जा रही हैं।
जयपुर मंडी में ढैया गुड़ नया 39 से 43 रुपए प्रति किलो थोक में बिकने के समाचार हैं। वर्तमान में भारत में लगभग 80 लाख टन गुड़ विभिन्न रूपों में प्रति वर्ष उत्पादित किया जाता है। जिसकी लगभग 56 फीसदी मात्रा अकेले उत्तर प्रदेश में बनाई जाती है। देश के अन्य प्रदेशों में भी गुड़ बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जाता है। गुड़ हमारे भोजन का आवश्यक अंग होने के कारण इसका उपयोग वर्ष भर किया जाता है। गुड़ औषधीय गुणों का भंडार भी कहा जाता है।
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