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सरसों से मंडी शुल्क एवं किसान कल्याण सैस खत्म हो : तेल उद्योग

Source : business.khaskhabar.com | Jan 21, 2025 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 mandi fee and kisan kalyan cess should be abolished from mustard oil industry 697990-पैदावार बढ़ानी है तो राजस्थान को सरसों प्रदेश घोषित किया जाए

जयपुर।
राजस्थान ऑयल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने बजट पूर्व प्रतिवेदन में राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि प्रदेश के सरसों तेल उद्योग को बचाने के लिए सरसों एवं सरसों तेल पर से जीएसटी, मंडी शुल्क एवं किसान कल्याण सैस को तुरंत प्रभाव से समाप्त किया जाना चाहिए। एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण गोयल तथा संयुक्त सचिव एवं प्रवक्ता डी.डी. जैन ने बताया कि राज्य में सरसों पर कृषि मंडी शुल्क 1 प्रतिशत एवं कृषि कल्याण सैस आधा फीसदी लागू है, जिसे उद्योग के हित में समाप्त करना आवयश्क है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान को सरसों प्रदेश घोषित कर देती है तो अकेले राजस्थान में सरसों का उत्पादन बढ़कर 100 लाख टन से ऊपर पहुंच जाएगा। अभी राजस्थान में करीब 50 लाख टन सरसों की प्रति वर्ष पैदावार होती है। वर्तमान में राज्य की करीब 60 फीसदी सरसों तेल इकाईयां उत्पादन बेपड़ता होने से बंद पड़ी हुई हैं।

जैन ने बताया कि राज्य सरकार सरसों पर से सभी प्रकार के टैक्स जैसे जीएसटी, मंडी शुल्क एवं किसान कल्याण शुल्क को पांच सालों के लिए पूर्ण रूप से समाप्त करे। इसके अलावा मिलों को किसानों से सीधे सरसों खरीदने की इजाजत दी जावे। इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा। कृषि विभाग में सरसों की पैदावार का अलग से ही विभाग खोला जावे, जो गुणवत्ता पूर्ण बीज लेकर सरसों की प्रति हैक्टेयर पैदावार बढ़ाने पर जोर दे। सरकारी स्तर पर सरसों तेल से होने वाले फायदों का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले 25 सालों से भारत में खाद्य तेलों का कुल उत्पादन 65 से 85 लाख टन के बीच हो रहा है, जबकि आयात लगातार बढ़ता जा रहा है। अभी खाद्य तेलों के आयात पर प्रति वर्ष देश की लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ विदेशी मुद्रा खर्च हो रही है।

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