लोटस डेयरी - राजस्थान में उपलब्ध कराया फोर्टिफाइड दूध
Source : business.khaskhabar.com | July 18, 2019 | 
जयुपर । लोटस डेयरी ने कीमतों में कोई बदलाव किए बिना अपने दूध को
विटामिन ए और डी के साथ फोर्टिफाइड करने की घोषणा की है। विटामिन ए और डी
की कमी के परिणामस्वरूप सभी आयु और सामाजिक आर्थिक समूहों में शारीरिक और
मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर होता है और यह समस्या आम है। दरअसल
फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया में खाद्य उत्पादों में सूक्ष्म पोषक तत्वों
जैसे विटामिन ए और विटामिन डी की मात्रा बढाई जाती है, ताकि पोषक तत्वों की
कमी को दूर किया जा सके।
लोटस डेयरी के निदेशक अनुज मोदी के अनुसार,
’सूक्ष्म पोषक तत्वों के कारण होने वाले कुपोषण की समस्या आज दुनिया भर में
मौजूद है और दुनियाभर में लगभग 200 करोड़ से अधिक लोग सूक्ष्म पोषक तत्वों
की कमी से जूझ रहे हैं। इनमें से करीब-करीब आधे लोग हमारे देश में निवास
करते हैं। खराब आहार, स्वास्थ्यप्रद भोजन तक लोगों की पहुंच नहीं होना और
बदलते शहरी आहार मुख्य रूप से ऐसी कमियों के लिए जिम्मेदार हैं। सामाजिक
रूप से जिम्मेदार कारोबार के रूप में हमें यह जानकारी देते हुए खुशी का
अनुभव हो रहा है कि लोटस डेयरी ने अब इस समस्या को कम करने में मदद करने के
लिए अपने दूध की फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लोटस डेयरी
अपने उपभोक्ताओं के उस विश्वास का सम्मान करती है, जो उन्होंने हमारे
प्रोडक्ट्स को अपनाते हुए हममें व्यक्त किया है। इसलिए लोटस डेयरी अपने
उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद प्रदान करने के लिए
प्रतिबद्ध है और हम उस विश्वास को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखने का
वादा करते हैं।‘‘
आई. आई. एच. एम. आर. यूनिवर्सिटी के
प्रो-प्रेसीडेंट और डीन ट्रेनिंग तथा हैल्थ इकोनाॅमिस्ट और पब्लिक हैल्थ
एक्सपर्ट डॉ पी आर सोडानी के अनुसार, ‘‘आई. आई. एच. एम. आर. तीन राज्यों -
राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में मिल्क फोर्टिफिकेशन को बढ़ावा देने और दूध
को और बेहतर बनाने से संबंधित एक प्रोजेक्ट को लागू कर रहा है। इस परियोजना
को ग्लोबल अलायंस फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रिशन (जी. ए. आ. ई. एन. ) के सहयोग
से लागू किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत हम बेहतर और स्वास्थ्यप्रद
परिणामों के लिए फोर्टिफाइड दूध के उत्पादन में सहायता के लिए दुग्ध उद्योग
के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
प्रोजेक्ट का मुख्य लक्ष्य राजस्थान में
फोर्टिफिकेशन की प्रक्रिया के माध्यम से दूध में सूक्ष्म पोषक तत्वों की
कमी को दूर करना है। ( एफ. एस. एस. ए. आई. ) मानकों के अधिसूचित गजट के
अनुसार इस परियोजना ने राज्य के दुग्ध उद्योग को समर्थन प्रदान किया है।
हमारे समर्थन से, लोटस डायरी ने दूध को फोर्टिफाइड करने की पहल की है।
लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए हम लोटस
डायरी की इस पहल की सराहना करते हैं।”
विटामिन ए और डी शारीरिक और
मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जहां विटामिन ए शरीर की
प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने में मदद करता है और हृदय, फेफड़े, गुर्दे
और अन्य अंगों को ठीक से काम करने में मदद करता है, वहीं दूसरी ओर विटामिन
डी कैल्शियम को पचाने में सहायता करता है और इस तरह दांतों, हड्डियों और
मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। फोर्टिफाइड दूध ऐसे आवश्यक
सूक्ष्म पोषक तत्वों के सेवन को सुनिश्चित करने का सबसे आसान तरीका है,
क्योंकि यह भारत के सभी आय समूहों के रोजमर्रा के आहार का एक हिस्सा है।
इसे ध्यान में रखते हुए, लोटस डेयरी ने अपने दूध को फोर्टिफाइड करना शुरू
कर दिया है, ताकि उपभोक्ताओं को उसमें आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व मिल सकें।
लोटस डेयरी देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार पर अत्यधिक ध्यान
केंद्रित करती है और दूध को फोर्टिफाइड करने का यह कदम कंपनी को बाजार में
उपलब्ध कई अन्य दूध ब्रांडों के मुकाबले एक स्वस्थ विकल्प प्रदान करने के
काबिल बनाता है।
रिपोर्टों से पता चलता है कि लगभग 85 प्रतिशत भारतीय
आबादी विटामिन ए की कमी का सामना कर रही है, जबकि लगभग 80 फीसदी आबादी
विटामिन डी की कमी से जूझ रही है।
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