जेटली की बैंक लोन डिफॉल्टरों को चेतावनी
Source : business.khaskhabar.com | Jun 05, 2016 | 
ओसाका। सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों को मार्च की तिमाही में 15,000 करोड
रूपये से अधिक का घाटा होने के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बैंकों को
अधिक वित्तीय समर्थन का वादा किया है और चेताया है कि बैंकरों को परेशानी
में डालने वाले चूककर्ताओं (डिफाल्टरों) को चैन की नींद सोने की छूट नहीं
दी जा सकती।
जेटली ने इसके साथ ही इन सुझावों को भी खारिज कर दिया कि सार्वजनिक बैंकों
का भारी घाटा कंकाल निकलने के समान है। उन्होंने कहा कि इन बैंकों की गैर
निष्पादित आस्तियां (एनपीए) कुछ क्षेत्रों में व्यापार संबंधी घाटे के कारण
हैं न कि घपलों के कारण। जेटली निवेश आकर्षित करने के लिए छह दिन की
यात्रा पर जापान आए हुए थे।
उन्होंने कहा कि उक्त घाटा फंसे कर्ज के लिए
प्रावधान के कारण हुआ और एसबीआई व पीएनबी सहित ज्यादातर बैंकों ने
परिचालनगत स्तर पर अच्छा मुनाफा कमाया।
वित्त मंत्री ने कहा, इन बैंकों की बैलेंस शीट देखें। पीएनबी ने परिचालन के
आधार पर अच्छा मुनाफा कमाया, एसबीआई को अच्छा मुनाफा रहा। केवल पूंजीगत
प्रावधानों के कारण ही यह घाटे की तरह नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि एनपीए
या फंसा हुआ कर्ज हमेशा से ही रहा है। या तो आप इसे ढंके रहेंगे या फिर
इसे बैलेंस शीट में दिखाएंगे। मेरी राय में पारदर्शी बैलेंस शीट कारोबार
करने का श्रेष्ठ तरीका है और बैंक अब वही कर रहे हैं।
जेटली ने कहा, मैं बहुत स्पष्ट हूं कि सरकार बैंकों को पूरी तरह मजबूत
करेगी और जहां भी जरूरत होगी बैंकों का पूरी तरह समर्थन किया जाएगा।
जेटली सोमवार को सार्वजनिक बैंकों व वित्तीय संस्थानों के कामकाज की
त्रैमासिक समीक्षा करने वाले हैं।