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भारत-UK FTA से लग्जरी कारों और बाइक्स की कीमतों में भारी गिरावट संभव: 12 करोड़ की रोल्स रॉयस अब 6 करोड़ में मिलेगी

Source : business.khaskhabar.com | July 29, 2025 | businesskhaskhabar.com Automobile News Rss Feeds
 india uk fta may lead to a huge drop in the prices of luxury cars and bikes rolls royce worth rs 12 crores will now be available for rs 6 crores 740269नई दिल्ली। भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच हाल ही में संपन्न हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) न केवल दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को नई मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि भारतीय लग्जरी वाहन बाजार के लिए भी यह एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकता है। 
विशेषज्ञों का मानना है कि इस ऐतिहासिक समझौते के पूरी तरह से लागू होने के बाद भारत में आयातित कार और बाइक की कीमतें लगभग आधी हो सकती हैं। यह उन सपनों को साकार कर सकता है, जहाँ रोल्स रॉयस जैसी अति-लग्जरी कारें अब केवल गिने-चुने उद्योगपतियों के गैराज की शोभा नहीं, बल्कि देश के संपन्न वर्ग की पहुंच में भी आ सकती हैं। 
लग्जरी कारों की कीमतों में भारी गिरावट का अनुमान अब तक, भारत में आयातित लग्जरी कारों पर 100% तक का भारी इंपोर्ट ड्यूटी लगता था, जिसके कारण इनकी कीमतें भारत में पहुँचते-पहुँचते लगभग दोगुनी हो जाती थीं। हालांकि, नए FTA के तहत एक विशेष कोटा सिस्टम लागू होने की उम्मीद है, जिसके अंतर्गत सीमित संख्या में वाहनों पर लगने वाला टैक्स घटकर मात्र 10% रह जाएगा। इसका सीधा असर वाहनों की अंतिम कीमत पर पड़ेगा। 
उदाहरण के तौर पर, बाजार में अभी 12 करोड़ रुपये में बिकने वाली Rolls Royce Cullinan SUV की कीमत घटकर लगभग 6 करोड़ रुपये हो सकती है। इसी तरह, 6 करोड़ रुपये की Bentley Bentayga SUV भी नए समझौते के बाद लगभग 3 करोड़ रुपये में उपलब्ध होने की संभावना है। मैकलारेन की सुपरकार 750S, जिसकी वर्तमान कीमत 5.91 करोड़ रुपये है, वह भी FTA लागू होने पर करीब 3 करोड़ रुपये के आसपास उपलब्ध हो सकती है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन अनुमानित कीमतों में GST, रजिस्ट्रेशन शुल्क और बीमा जैसे अन्य खर्च शामिल नहीं होंगे। 
इन ब्रांड्स को होगा सबसे बड़ा लाभ इस टैक्स रियायत का सबसे बड़ा लाभ उन अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को मिलेगा, जिनके वाहन मुख्य रूप से UK में निर्मित होते हैं और जिनकी भारत में पहले से ही मजबूत उपस्थिति है। इनमें जैगुआर और लैंड रोवर (जो अब टाटा ग्रुप के स्वामित्व में हैं), हाल ही में भारत में प्रवेश करने वाली मैकलारेन, और प्रीमियम एसयूवी तथा सेडान सेगमेंट में अग्रणी बेंटले जैसी कंपनियाँ शामिल हैं। ये ब्रांड भारत में अपनी बिक्री और बाजार हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देख सकते हैं। 
बाइक प्रेमियों को भी बड़ी राहत यह समझौता सिर्फ कारों तक ही सीमित नहीं है; यूके से आयातित प्रीमियम मोटरसाइकिल्स की कीमतों में भी बड़ी गिरावट आने की उम्मीद है। ट्रायम्फ रॉकेट 3 स्टॉर्म, जिसकी वर्तमान कीमत 22.49 लाख रुपये है, और टाइगर 1200, जो अभी 19.39 लाख रुपये में आती है, जैसी बाइक्स FTA लागू होने पर काफी सस्ती हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय और ब्रिटिश कंपनियों जैसे रॉयल एनफील्ड, टीवीएस, और नॉटन (Norton) को निर्यात के क्षेत्र में भी बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि यूके बाजार में उनकी पहुंच और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। 
ग्राहक इंतजार में, डीलर्स असमंजस में इस समझौते की खबर ने ग्राहकों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है, और कई लग्जरी वाहन खरीदारों ने फिलहाल अपनी बुकिंग रोक दी है, वे FTA के आधिकारिक रूप से लागू होने की तारीख का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, डीलर्स और उद्योग अभी भी कुछ असमंजस में हैं, क्योंकि सरकार की ओर से अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह टैक्स रियायत कब और किस विशिष्ट तरीके से लागू होगी, और कितने वाहनों को इस कोटे का लाभ मिलेगा। 
भविष्य की संभावनाएं यह इंडिया-यूके FTA भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक नई क्रांति लाने की क्षमता रखता है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता है और सरकार इस टैक्स कटौती को प्रभावी ढंग से लागू करती है, तो रोल्स रॉयस जैसी लग्जरी कारें अब महज देश के सबसे धनी वर्ग तक ही सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि ऊपरी मध्यम वर्ग की पहुंच में भी आ सकती हैं। आने वाले महीनों में भारतीय सड़कों पर पहले से कहीं अधिक प्रीमियम कार और सुपरबाइक्स दिखने की उम्मीद है, जो देश के ऑटोमोबाइल परिदृश्य को पूरी तरह से बदल सकती हैं।

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