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जीडीपी (पीपीपी) मामले में जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देशों से आगे है भारत !

Source : business.khaskhabar.com | Mar 26, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 india is ahead of countries like germany and britain in terms of gdp (ppp)! 627337नई दिल्ली । जर्मनी, जापान और यूके जैसे देशों में पिछले कुछ वर्षों में जीडीपी (पीपीपी) रैंकिंग में गिरावट लगातार जारी है। वहीं रिपोर्ट की मानें तो भारत ने जीडीपी (पीपीपी) में इन सालों में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की है।

जीडीपी (पीपीपी) का मतलब है खरीद की क्षमता पर आधारित सकल घरेलू उत्पाद।

दिल्ली स्थित सोशल पॉलिसी रिसर्च फाउंडेशन (एसपीआरएफ) एक गैर-लाभकारी संस्था है। उसके शोध के अनुसार, 2024 तक पीपीपी के आधार पर मूल्यांकन किया जाए तो भारतीय अर्थव्यवस्था यूके की तुलना में 3.6 गुना, जापान की तुलना में 2.1 गुना और जर्मनी की तुलना में 2.5 गुना ज्यादा है।

जबकि 2022 तक चीन इसके शीर्ष रैंकिंग वाले देश के रूप में उभरा था।

रिपोर्ट में कहा गया है, "पीपीपी पर वैश्विक जीडीपी के प्रतिशत को देखा जाए तो इसके अनुसार भारतीय जीडीपी (पीपीपी) की हिस्सेदारी काफी बढ़ी है, जबकि इस दौरान अमेरिका, जापान, रूस और अन्य देशों की हिस्सेदारी घटी है।"

पीपीपी दो या दो से अधिक देशों में समान वस्तुओं और सेवाओं की कीमत को समझने और उसकी तुलना करने का माध्यम है।

रिपोर्ट के अनुसार, "देश में उच्च पीपीपी का मतलब है कि भारतीय उपभोक्ता के लिए भारत के अंदर आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर जो खर्च हो रहा है वह जापान, जर्मनी या यूके के उपभोक्ताओं की तुलना में सस्ता है।"

भारत की अर्थव्यवस्था में तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2023) के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जो आश्चर्यचकित करने वाली है, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के नवीनतम आंकड़ों की मानें तो वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए देश की आर्थिक विकास दर अब 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

जीडीपी में 8.4 प्रतिशत की उच्च वृद्धि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में दोहरे अंक की वृद्धि के साथ 11.6 प्रतिशत, जबकि कंस्ट्रक्शन सेक्टर में अच्छी वृद्धि (9.5 प्रतिशत) की वजह से देखी गई है।

सांख्यिकी मंत्रालय ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद 7.6 प्रतिशत की मजबूत स्थिति में रही, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 7 प्रतिशत थी।"

नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी विकास गति को बरकरार रख रहा है, जिसे वैश्विक मंदी के बीच एक बेहतरीन सूचक के रूप में देखा जा सकता है।

इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आरबीआई के मासिक बुलेटिन के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति भले धीमी पड़ रही हो लेकिन, भारत की अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि साफ दिखाई दे रही है।

--आईएएनएस

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