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मार्केट में हाइब्रिड वॉर: मारुति और महिंद्रा की नई SUVs से टोयोटा की बादशाहत को चुनौती?

Source : business.khaskhabar.com | Aug 04, 2025 | businesskhaskhabar.com Automobile News Rss Feeds
 hybrid war in the market will maruti and mahindra new suvs challenge toyota supremacy 741695जयपुर। साल 2025 की पहली छमाही में भारतीय ऑटो बाजार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जहाँ हाइब्रिड कारों ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बिक्री में पीछे छोड़ दिया है। इस सेगमेंट में टोयोटा फिलहाल 81% मार्केट शेयर के साथ निर्विवाद लीडर बनी हुई है, लेकिन अब जल्द ही मारुति सुजुकी और महिंद्रा जैसी दो बड़ी भारतीय कंपनियाँ अपनी किफायती कॉम्पैक्ट हाइब्रिड SUVs के साथ इस मैदान में उतरने जा रही हैं, जिससे टोयोटा की बादशाहत को कड़ी चुनौती मिल सकती है। दोनों कंपनियाँ 2026 में अपनी हाइब्रिड गाड़ियां लॉन्च करने की तैयारी में हैं। 

मारुति फ्रोंक्स हाइब्रिड: किफायती और दमदार 
मारुति सुजुकी अपनी इन-हाउस विकसित हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को पहली बार अपनी Fronx कॉम्पैक्ट क्रॉसओवर में पेश करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Fronx हाइब्रिड में एक नया Z12E 3-सिलेंडर पेट्रोल इंजन होगा, जिसे 1.5kWh से 2kWh क्षमता वाले बैटरी पैक और एक इलेक्ट्रिक मोटर के साथ जोड़ा जाएगा। यह हाइब्रिड वेरिएंट ग्राहकों को बेहतर माइलेज और किफायती विकल्प देगा। डिजाइन में कुछ मामूली बदलाव और 'हाइब्रिड' बैजिंग के अलावा यह मौजूदा मॉडल जैसा ही रहेगा। मारुति इसे 2026 में लॉन्च करने की योजना बना रही है। 

महिंद्रा XUV 3XO हाइब्रिड: तकनीक का नया अध्याय 
महिंद्रा भी इस हाइब्रिड रेस में शामिल हो रही है और 2026 में अपनी पहली हाइब्रिड SUV, XUV 3XO हाइब्रिड लॉन्च कर सकती है। इसमें 1.2 लीटर, 3-सिलेंडर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन के साथ एडवांस हाइब्रिड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। अपनी आधुनिक डिजाइन और फीचर्स के लिए पहले से ही लोकप्रिय XUV 3XO का हाइब्रिड वर्जन, महिंद्रा को मिड-सेगमेंट में मजबूत दावेदार बना सकता है। कंपनी इसे प्रतिस्पर्धी कीमत के साथ पेश कर सकती है। 

क्या टोयोटा के लिए खड़ी होगी चुनौती? 
ऑटो एक्सपर्ट्स का मानना है कि मारुति और महिंद्रा की एंट्री हाइब्रिड सेगमेंट में गेम चेंजर साबित हो सकती है। दोनों कंपनियों का मजबूत ब्रांड वैल्यू, विशाल सर्विस नेटवर्क और आक्रामक कीमत की रणनीति टोयोटा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। भारत में अभी भी सीमित EV इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए, हाइब्रिड गाड़ियाँ एक बेहतर और व्यावहारिक विकल्प बनकर उभर रही हैं। साल 2026 भारतीय ऑटो बाजार के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।

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