तिल्ली बाजार में भारी गिरावट: ₹150 से ₹85 प्रति किलो पर लुढ़के भाव, व्यापारियों की बढ़ी चिंता
Source : business.khaskhabar.com | Jun 20, 2025 | 
जयपुर। स्थानीय थोक बाजारों में सफेद तिल्ली की कीमतें अप्रत्याशित रूप से नीचे आ गई हैं, जिससे व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है। वर्तमान में थोक भाव 80 से 85 रुपए प्रति किलो रह गए हैं, जबकि पिछले साल यह 150 रुपए प्रति किलो से भी ऊपर बिक रही थी। इस भारी गिरावट का मुख्य कारण कमजोर निर्यात मांग और देश-विदेश में तिल्ली का अत्यधिक स्टॉक बताया जा रहा है।
गिरावट के मुख्य कारण: अधिक उत्पादन और आयात: इस साल देश में तिल्ली का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले कुछ अधिक हुआ है। साथ ही, अफ्रीकी देशों से सस्ती तिल्ली का आयात भी बढ़ गया है, जिससे घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ गई है।
निर्यात मांग का अभाव: जानकारों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात मांग कमजोर होने से भारतीय तिल्ली को अपेक्षित समर्थन नहीं मिल पा रहा है, जिससे कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
अत्यधिक स्टॉक: देशी और विदेशी तिल्ली का भारी स्टॉक कारोबारियों के पास फंसा हुआ है, जिससे वे कीमतों में तेजी के आसार नहीं देख रहे हैं। पिछले साल जयपुर मंडी में जो तिल्ली 155 रुपए प्रति किलो के आसपास बिक रही थी, उसका भाव अब 85 रुपए प्रति किलो के करीब रह गया है।
उत्पादन और बिजाई का परिदृश्य: देश में तिल्ली का उत्पादन इस साल तीन लाख टन के आसपास होने का अनुमान है। गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु भारत में तिल के मुख्य उत्पादक राज्य हैं, जिसमें गुजरात सबसे बड़ा उत्पादक है। हालांकि तिल की पैदावार जलवायु और मिट्टी की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में खेतों की जुताई शुरू हो गई है, और तिल की बिजाई अगले एक सप्ताह में होने की संभावना है।
वर्तमान में गुजरात से नई तिल्ली की आवक हो रही है, जिसके भाव 70 से 100 रुपए प्रति किलो तक बिकने की खबरें आ रही हैं। निर्यात मांग में सुधार न होने तक तिल्ली के भावों में फिलहाल बड़ी तेजी की उम्मीद कम है। व्यापारियों को उम्मीद है कि आने वाले समय में स्थिति में सुधार होगा, लेकिन फिलहाल भारी स्टॉक उनके लिए चुनौती बना हुआ है।
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