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हिंदुस्तान जिंक बोर्ड ने ₹12,000 करोड़ के निवेश के साथ क्षमता दोगुनी करने के पहले चरण को दी मंजूरी

Source : business.khaskhabar.com | Jun 17, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 hindustan zinc board approves first phase of doubling capacity with an investment of 12000 crore 729770उदयपुर।हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करने की महत्वाकांक्षी योजना के पहले चरण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर कंपनी करीब ₹12,000 करोड़ का निवेश करेगी। कंपनी के निदेशक मंडल ने प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसके तहत अगले 5 से 10 वर्षों में भारत में जिंक की बढ़ती मांग को देखते हुए उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी।
कंपनी अपनी परिष्कृत धातु उत्पादन क्षमता को 250 केटीपीए (किलोटन प्रति वर्ष) तक बढ़ाएगी। इसके साथ ही विभिन्न स्थलों पर खनन और मिलिंग क्षमताओं में भी आनुपातिक वृद्धि की जाएगी। यह विस्तार अंतरराष्ट्रीय जिंक एसोसिएशन के उन अनुमानों के आधार पर किया जा रहा है जिसमें कहा गया है कि भारत में आधारभूत संरचना और इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में भारी निवेश होने जा रहा है, जिससे जिंक की मांग तेज़ी से बढ़ेगी।
हिंदुस्तान जिंक की रणनीतिक योजना के तहत अगले पांच वर्षों में धातु और चांदी दोनों का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे परिष्कृत धातु क्षमता 2,000 केटीपीए से अधिक तथा चांदी का वार्षिक उत्पादन 1,500 टन तक पहुंचने की संभावना है।
इसके तहत उदयपुर जिले के देबारी में 250 केटीपीए क्षमता का एक नया एकीकृत स्मेल्टर स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना कंपनी की अन्य खदानों और मिलों के विस्तार के साथ पूरी होगी। फिलहाल हिंदुस्तान जिंक का कुल धातु उत्पादन 1.1 मिलियन टन है। अनुमान है कि ₹12,000 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना अगले 36 महीनों में पूरी कर ली जाएगी।
हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, “हम इस परिवर्तनकारी 2X विकास परियोजना का अनावरण करते हुए बेहद उत्साहित हैं, जो जिंक, सीसा और चांदी के हमारे उत्पादन को दोगुना करेगी। यह पहल देश की बढ़ती घरेलू मांग और जिंक में आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण से पूरी तरह मेल खाती है। हम सभी हितधारकों को दीर्घकालिक लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
बताते चलें कि 2002 में सरकार के विनिवेश और वेदांता समूह द्वारा अधिग्रहण के बाद से हिंदुस्तान जिंक का उत्पादन चार गुना तक बढ़ चुका है। वैश्विक स्तर पर जिंक की आपूर्ति में कमी के इस दौर में कंपनी का यह कदम रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है।

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