सोने की मांग में 18 प्रतिशत गिरावट
Source : business.khaskhabar.com | Aug 12, 2016 | 

नई दिल्ली। देश में सोने की मांग में दूसरी तिमाही में 18 प्रतिशत की कमी आई। इसकी वजह सोने की उच्च कीमत, विक्रेताओं की हड़ताल और सरकार के दूसरे नियामक कदम रहे। यह जानकारी विश्व स्वर्ण परिषद के भारत प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने गुरुवार को दी।
पीली धातु की अप्रैल-जून तिमाही के लिए मांग 2016 में 131 टन रही जो पिछले साल की तुलना में 18 प्रतिशत कम है। साल 2015 में इसी तिमाही में मांग 159.8 टन थी।
देश में 2016 की दूसरी तिमाही में सोने की मांग 35,000 करोड़ रुपये की रही। एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में यह 8.7 प्रतिशत गिरावट है।
सोमसुदंरम ने दूसरी तिमाही की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, ‘‘भारत में उपभोक्ता मांग साल 2016 की दूसरी तिमाही 131 टन के साथ 18 प्रतिशत गिरी, जो पिछले साल इसी समय में 159.8 टन थी, और यह 2016 की पहली तिमाही में आंशिक तौर पर ज्यादा रही। यह तिमाही जौहरियों की हड़ताल की वजह से बिक्री के लिए संक्षिप्त अवधि रही, अप्रैल में बढ़त के साथ बहुत कम प्रभाव के साथ अक्षय तृतीया के समय बिक्री में थोड़ी वृद्धि हुई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, बढ़ा हुआ मूल्य स्तर और नियामक दबाव पैन कार्ड की पारदर्शिता, स्रोत पर कर संग्रह और आभूषणों पर उत्पाद मूल्य, कमजोर ग्रामीण आय कुल मिलाकर मांग में कमी लाने की वजह बनी।’’
उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही में सोने के अनौपचारिक प्रवाह में तेजी देखने को मिली। इसने स्वर्ण उद्योग को विशेष तौर पर संगठित और कर शिकायत अनुभागों को प्रभावित किया।
‘‘दूसरी तिमाही की कुल मांग में 40-45 प्रतिशत सोना अनौपचारिक रास्ते से आया।’’
विश्व स्वर्ण परिषद का साल 2016 के लिए सोने की मांग का आकलन 750 से 850 टन के बीच है।
सोमसुदंरम को आशा है कि इसकी मांग साल 2016 के बचे हुई दो तिमाही में तेज होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें आशा है कि सोने की मांग शादी के मौसम और त्योहारों में दिवाली के करीब अपने उच्च स्तर पर रहेगी, इसे मानसून का भी साथ मिलेगा जिससे ग्रामीण मांग पर सकारात्मक असर होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे उपभोक्ताओं और व्यापार दोनों को संक्रमण से निकलने में मदद मिलेगी, इससे राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर नए कर के अनुपालन में सहजता होगी।’’
भारत में कुल निवेश की मांग साल 2016 की दूसरी तिमाही में 12 प्रतिशत घटी, जो इसी तिमाही के साल 2015 में 33.1 टन रही।
(आईएएनएस)