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सुचारू यातायात के लिए करीब 100 टोल प्लाजा पर नजर रखेगा जीआईएस सॉफ्टवेयर

Source : business.khaskhabar.com | Sep 03, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 gis software will monitor about 100 toll plazas for smooth traffic 666823नई दिल्ली । भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अब राष्ट्रीय राजमार्गों पर बिना किसी रुकावट या समस्या के यातायात की आवाजाही के लिए जीआईएस-आधारित सॉफ्टवेयर के साथ लगभग 100 टोल प्लाजा पर नजर बनाए रखेगा।  

इससे देश भर के टोल प्लाजा पर राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए परेशानी मुक्त टोलिंग अनुभव सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और यातायात भी बाधित नहीं होगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग हेल्पलाइन नंबर 1033 पर लोगों ने बहुत ज्यादा जाम की शिकायत की थी। इस आधार पर कुछ टोल प्लाजा को चिन्हित किया गया है। यह जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने दी है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कहा कि लाइव मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग सिस्टम टोल प्लाजा पर वाहनों की कतार अधिक होने पर भीड़भाड़ संबंधी अलर्ट और खाली लेन के बारे में जानकारी देगा।

जीआईएस-आधारित यह सॉफ्टवेयर एनएचएआई द्वारा प्रवर्तित कंपनी भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (आईएचएमसीएल) ने विकसित किया गया है।

इसकी शुरुआत के लिए एनएचएआई ने वेब-आधारित सॉफ्टवेयर पर लाइव मॉनिटरिंग के लिए लगभग 100 टोल प्लाजा की पहचान की है। मॉनिटरिंग सेवा पर चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ते इसे और अधिक टोल प्लाजा तक बढ़ाया जाएगा।

टोल प्लाजा का नाम और स्थान बताने के अलावा, यह सॉफ्टवेयर टोल प्लाजा पर कतार की लंबाई (मीटर में), कुल प्रतीक्षा समय और वाहन की गति की लाइव स्थिति से संबंधित जानकारी प्रदान करेगा।

एनएचएआई ने बताया कि यह सिस्टम टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ की स्थिति की जानकारी देने के साथ वाहनों की कतार लगने के बाद कौन सी लेन खाली है, वहां से आपको गुजरने की सलाह देगा।

यह सॉफ्टवेयर एनएचएआई के अधिकारियों को यातायात कतार और भीड़भाड़ के लिए यातायात की स्थिति का विश्लेषण करने में मदद करेगा, जिससे उन्हें ट्रैफिक की भीड़ और कतार के बारे में घंटेवार, दैनिक, साप्ताहिक और मासिक आधार पर जानकारी मिलेगी।

इस बीच, एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों से टोल शुल्क के रूप में 54,811.13 करोड़ रुपये की कमाई की है। मंत्रालय ने पिछले वर्ष राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव पर 6,523 करोड़ रुपये खर्च किए थे।

--आईएएनएस
 

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