businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

नोटबंदी के कारण विदेशी मुद्रा की बिक्री 50 प्रतिशत से अधिक गिरी

Source : business.khaskhabar.com | Nov 21, 2016 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 forex sales plummeted over 50 percent due to demonetisation 126180कोलकाता। बड़े मूल्य वाले नोटों के बंद कर दिए जाने के कारण कुल विदेशी मुद्रा की औसत बिक्री में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। नोट बदलने वालों ने कहा है कि बाजार में विदेशी मुद्रा की बहुत अधिक कमी की वजह से ऐसा हुआ है।

सभी शहरों में, दुकानों में और विदेशी मुद्रा बदलने वाले दफ्तरों में पिछले कई दिनों से ताले बंद हैं, क्योंकि उनके पास विदेशी मुद्रा खरीदने के लिए नकदी नहीं है और खरीदने वालों को देने के लिए पर्याप्त भारतीय मुद्रा नहीं है।

जो लोग विदेश यात्रा पर जाना चाहते हैं, वे विदेशी मुद्रा खरीदने के लिए क्या करें यह समझ से परे है। वास्तव में मुद्रा बदलने वाले अब परिवर्तनशील बाजार की स्थितियों को देखते हुए जोखिम लेना नहीं चाहते। वे बहुत सतर्क होकर लेन-देन कर रहे हैं।

एक डीलर ने बताया, ‘‘औसतन कुल लेन-देन का 60-65 प्रतिशत नकद होता है। कुछ मामलों में तो नकद 75-80 प्रतिशत तक होता है।’’

मुद्रा बदलने वाले के अनुसार, विदेशी मुद्रा के अधिकांश डीलरों ने आपस में और अन्य डीलरों से प्रमुख विदेशी मुद्राओं का लेन-देन लगभग पूरी तरह से रोक दिया है।

एफएक्सकार्ट डॉट कॉम के सीईओ अब्दुल हादी शेख ने आईएएनएस को बताया, ‘‘बाजार की भावनाओं के आकलन के लिए हमने मुद्रा बदलने वाले करीब 15 डीलरों का एक सर्वेक्षण किया। हमने पाया कि विदेश मुद्रा की कुल बिक्री औसतन 50 से 75 प्रतिशत तक घट गई है।’’  

उन्होंने कहा कि जो पूरी तरह से मुद्रा बदलने का ही काम करते हैं, वे अपेक्षाकृत विदेशी मुद्रा बदलने का छोटा लाइसेंस रखने वाले हैं, और वे विदेशी बड़े अधिकृत दूसरी श्रेणी के डीलरों से विदेशी मुद्रा नहीं खरीद रहे हैं। विदेशी मुद्रा बदलने के लिए जिन ट्रैवेल एजेंट्स ने पहले से आग्रह कर रखा था, उनके उन आग्रहों को रद्द किया जा रहा है।

मुद्रा बदलने वालों के लिए बैंकों से साप्ताहिक निकासी पर 24 हजार रुपये की अधिकतम सीमा तय कर देने से उनका रोजाना का कारोबार चलाते रह पाना मुश्किल हो गया है।

बेंगलुरू स्थित ओरिएंट एक्सचेंज के कार्यकारी निदेशक भास्कर राव का कहना है, ‘‘हमारे पास विदेशी मुद्रा खरीदने के लिए पर्याप्त नकदी नहीं है। नोट निकालने की अधिकतम सीमा 24 हजार रुपये है, इसलिए हम भारतीय मुद्रा के खरीदारों की सेवा नहीं कर पा रहे हैं। मुद्रा बदलने के धंधे में नकदी एक महत्वपूर्ण अवयव है।’’

दिल्ली स्थित जेनिथ फॉरेक्स के प्रमुख हरेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘खुदरा विदेशी मुद्रा की अदला-बदली पूरी तरह से जरूरत के हिसाब से हो रही है और इनका मूल्य न्यूनतम रहा है। कॉरपोरेट की मांग भी नगण्य है। केवल तुरंत और हर हाल में जिन्हें जाना है, वैसे ही लोगों की मांगें आ रही हैं।’’

 राव कहते हैं कि विदेश में काम करने वालों की स्थिति बेहद गंभीर है। खासकर उनकी, जो खाड़ी के देशों में काम करते हैं। कामगार वहां से पैसा स्थानांतरण योजना के जरिए पैसा भेजते हैं। अब उनके रिश्तेदारों को नकदी नहीं मिल रही है। (आईएएनएस)