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38 आवासीय भूखंडों का हुआ ई-ऑक्शन, रिजर्व प्राइस से 30.65 करोड़ मिलने थे, अब 89.85 करोड़ मिलेंगे

Source : business.khaskhabar.com | Mar 28, 2023 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 e auction of 38 residential plots 3065 crores were to be received from the reserve price now 8985 crores will be available 551008ग्रेटर नोएडा।ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आवासीय भूखंड योजना का सोमवार को भी ऑनलाइन ऑक्शन हुआ। दूसरे दिन 38 भूखंडों का ऑक्शन हुआ। रिजर्व प्राइस से इन भूखंडों की कीमत लगभग 30.65 करोड़ों रुपए थी, लेकिन ऑनलाइन ऑक्शन होने पर यह भूखंड अधिक कीमत पर बिके, जिससे अब प्राधिकरण को लगभग 89.85 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर संपत्ति विभाग ने बीते 20 जनवरी को 166 आवासीय भूखंडों की योजना लॉन्च की थी। इस योजना में 162 वर्ग मीटर से लेकर 738 वर्ग मीटर एरिया तक के भूखंड शामिल किए गए हैं। ये भूखंड ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 2, सेक्टर चाई थ्री, फाई थ्री, डेल्टा टू, डेल्टा थ्री, सिग्मा 2, सिग्मा वन में स्थित हैं।

रविवार से इन भूखंडों का एसबीआई पोर्टल के जरिए ऑनलाइन ऑक्शन शुरू हो गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन ने बताया कि सोमवार को 38 भूखंडों का ऑनलाइन ऑक्शन हुआ। ये सभी 220 वर्ग मीटर के भूखंड हैं। एसीईओ ने बताया कि सेक्टर दो स्थित 220 वर्ग मीटर का एक भूखंड निर्धारित रिजर्व प्राइस से लगभग 142 फीसदी अधिक दर पर बिका है। इस भूखंड का रिजर्व प्राइस 87.12 लाख रुपए तय की गई थी, लेकिन यह भूखंड 2,11,20,000 रुपए में बिका है। उन्होंने बताया कि इन सभी 38 भूखंडों की बिक्री से रिजर्व प्राइस के हिसाब से 30.65 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान था, लेकिन ये सभी भूखंड रिजर्व प्राइस से अधिक कीमत पर बिके, जिसके चलते अब प्राधिकरण को 90 दिनों में 89.85 करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी। आवंटन की प्रक्रिया पूरी होते ही आवंटियों को पजेशन भी दे दिया जाएगा।
आनंद वर्धन ने बताया कि शेष बचे हुए भूखंडों का ऑक्शन 28, 29 व 30 मार्च को भी होगा। ऑक्शन के लिए पात्र आवेदकों की सूची ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड है। ?प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा है कि ग्रेटर नोएडा न सिर्फ औद्योगिक व वाणिज्यक निवेश का हब है, बल्कि रिहायशी प्रोजेक्ट में भी निवेश के बहुत इच्छुक हैं। लोग यहां अपना रिहायशी बनाने को आतुर हैं। इसीलिए आवासीय भूखंडों की बढ़-चढ़कर बिड लगा रहे हैं।
--आईएएनएस

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