कोयला श्रमिकों की 5 दिन की हडताल मंगल से
Source : business.khaskhabar.com | Jan 05, 2015 | 

नई दिल्ली। कोयला उद्योग के करीब पांच लाख श्रमिक कोयला खनन के निजीकरण के खिलाफ मंगलवार से पांच दिवसीय हडताल पर जा रहे हैं। मजदूर संगठन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हडताल के कारण देश में बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है। श्रमिक कोयला ब्लॉक आवंटन अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं, जिसमें उनके मुताबिक कोयला खनन के निजीकरण का प्रावधान है। इंडियन नेशनल माइनवर्कर्स फेडरेशन ने कहा,कोयला श्रमिकों के लिए यह करो या मरो का समय है।
कोल इंडिया वर्कर्स फेडरेशन के श्यामल दत्ता के अनुसार, कोयला उद्योग में करीब पांच लाख श्रमिक कार्यरत हैं। सीआईएल का देश में कोयला उत्पादन पर लगभग एकाधिकार है और यह समग्र घरेलू उत्पादन में 82 फीसदी योगदान करती है। सभी केंद्रीय मजदूर संगठनों ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल)/सहायक इकाइयों और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के कोयला श्रमिकों से कोयला उद्योग में छह जनवरी की प्रथम पाली से 10 जनवरी की तीसरी पाली तक पूरे आRामक अंदाज में पांच दिवसीय संपूर्ण हडताल करने का आह्वान किया है।
खास बात यह है कि इस हडताल में भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध मजदूर संगठन, भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) भी शामिल है। केंद्र में इस समय भाजपा की ही सरकार है। केंद्रीय कोयला और बिजली मंत्री पीयूष गोयल द्वारा शनिवार को बुलाई गई बैठक का बीएमएस सहित सीआईएल के सभी पांच प्रमुख श्रमिक संगठनों ने बहिष्कार कर दिया।