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कैबिनेट ने 2025 सीजन के लिए कोपरा का एमएसपी बढ़ाकर की 12,100 रुपये प्रति क्विंटल

Source : business.khaskhabar.com | Dec 21, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 cabinet increases msp of copra to rs 12100 per quintal for 2025 season 691203नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बड़ा फैसला लिया है। समिति ने शुक्रवार को 2025 विपणन सत्र के लिए उचित औसत गुणवत्ता वाले मिलिंग कोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 11,582 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा का एमएसपी बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया।

 

आधिकारिक बयान के मुताबिक, एमएसपी में बढ़ोतरी सरकार के उस फैसले के अनुसार की गई है, जिसके तहत फसलों के लिए एमएसपी अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय किया जाएगा।

बयान में कहा गया है, "सरकार ने विपणन सत्र 2014 के लिए मिलिंग कोपरा और बॉल कोपरा के एमएसपी को 5,250 रुपये प्रति क्विंटल और 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर विपणन सत्र 2025 के लिए 11,582 रुपये प्रति क्विंटल और 12,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। यह क्रमशः 121 प्रतिशत और 120 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।"

उच्च एमएसपी से न केवल नारियल उत्पादकों को बेहतर लाभ सुनिश्चित होगा, बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किसानों को कोपरा उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।

बयान में कहा गया है कि मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कोपरा और छिलका रहित नारियल की खरीद के लिए, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप में कार्य करना जारी रखेंगे।

केंद्र की खरीद का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को लाभकारी मूल्य मिले और उपभोक्ताओं, विशेष रूप से समाज के कमजोर वर्गों को सस्ती कीमत पर वितरण हो।

केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा और मूल्य स्थिरता के लिए बफर स्टॉक रखती है। इसी तरह, केंद्र सरकार एफसीआई और राज्य एजेंसियों के माध्यम से धान, मोटे अनाज और गेहूं को मूल्य समर्थन देती है।

निर्दिष्ट केंद्रों पर बिक्री के लिए पेश किए गए निर्धारित विनिर्देशों के अनुरूप सभी खाद्य अनाज (गेहूं और धान) को सार्वजनिक खरीद एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाता है, जिसमें घोषित बोनस भी शामिल होता है। किसानों के पास अपनी उपज को एफसीआई/राज्य एजेंसियों को एमएसपी पर या खुले बाजार में बेचने का विकल्प होता है, जो उनके लिए फायदेमंद हो।

--आईएएनएस

 

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