हिंदुस्तान जिंक का जिंक बैटरी तकनीक में अनुसंधान: भविष्य के ऊर्जा भंडारण में बनेगा गेम-चेंजर
Source : business.khaskhabar.com | May 06, 2025 | 
उदयपुर। भारत की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल), अगली पीढ़ी की जिंक-आधारित बैटरी तकनीकों के अनुसंधान में सक्रिय रूप से निवेश कर रही है, जो कंपनी को ऊर्जा भंडारण समाधानों के तेजी से बढ़ते बाजार में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने की क्षमता रखती है। कंपनी का यह रणनीतिक कदम न केवल तकनीकी नवाचार पर केंद्रित है, बल्कि लिथियम की आपूर्ति संबंधी चुनौतियों और बढ़ती लागत के मुकाबले एक अधिक टिकाऊ और लागत-प्रभावी विकल्प तलाशने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
एचजेडएल ने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों- आईआईटी मद्रास और जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर), बेंगलुरु के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान साझेदारी स्थापित की है। जेएनसीएएसआर के साथ मिलकर, एचजेडएल जिंक-आयन बैटरी के विकास को आगे बढ़ा रहा है, जिसमें उन्नत इलेक्ट्रोलाइट्स और नए जिंक एनोड फॉर्मूलेशन पर काम शामिल है। प्रारंभिक निष्कर्ष इलेक्ट्रोड/इलेक्ट्रोलाइट इंटरफेस इंजीनियरिंग में उत्साहजनक प्रगति दर्शाते हैं।
इसके समानांतर, आईआईटी मद्रास के साथ साझेदारी 1 किलोवॉट रिचार्जेबल जिंक-एयर बैटरी मॉड्यूल के डिजाइन पर केंद्रित है। यह परियोजना रिचार्जेबिलिटी, संरचनात्मक स्थिरता और बैटरी की लंबी उम्र सुनिश्चित करने पर जोर देती है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि जिंक-आधारित बैटरियां इलेक्ट्रिक वाहनों, ग्रिड-स्तरीय ऊर्जा भंडारण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। ब्लूमबर्गएनईएफ की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक ऊर्जा भंडारण बाजार में 2030 तक 442 गीगावॉट घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 21% की वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान है। एचजेडएल के ये प्रयास इस बढ़ती मांग को भुनाने और भारत को ऊर्जा स्वतंत्रता की ओर ले जाने में सहायक हो सकते हैं।
हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा ने इस पहल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कंपनी दीर्घकालिक और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा समाधानों की वैश्विक आवश्यकता को पूरा करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करने की कंपनी की रणनीति का हिस्सा है, जो ऊर्जा भंडारण के भविष्य को नया आकार दे सकती हैं।
अपनी धातुकर्म विशेषज्ञता और उन्नत इलेक्ट्रोविनिंग क्षमताओं का लाभ उठाते हुए, एचजेडएल वाणिज्यिक-ग्रेड इलेक्ट्रोड और प्रदर्शन बढ़ाने वाले योजक जैसे महत्वपूर्ण सामग्रियों के उत्पादन में दक्षता हासिल करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने निकल-जिंक बैटरी तकनीक के लिए अमेरिकी फर्म एईसिर टेक्नोलॉजीज के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है, जो इस क्षेत्र में अपनी तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करेगा।
वेदांता समूह की कंपनी होने के नाते और दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक के रूप में, हिंदुस्तान जिंक इस रणनीतिक अनुसंधान के माध्यम से न केवल एक नए और संभावित रूप से बड़े बाजार में प्रवेश कर रही है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में भी महत्वपूर्ण योगदान देने की तैयारी कर रही है। यह पहल कंपनी की स्थिरता और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, खासकर ऐसे समय में जब पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा समाधानों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
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