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बजट में सभी राज्यों को पहले की तरह ही मिला आवंटन : निर्मला सीतारमण

Source : business.khaskhabar.com | July 27, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 all states got allocation in the budget as before nirmala sitharaman 656883नई दिल्ली । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में पहले की तरह ही सभी राज्यों को धन का आवंटित किया गया है और किसी भी राज्य को किसी चीज के लिए मना नहीं किया गया है।

एनडीटीवी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रधान संपादक संजय पुगलिया के साथ एक विशेष साक्षात्कार में वित्त मंत्री ने विपक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि उनके बजट भाषण में केवल दो राज्यों - आंध्र प्रदेश और बिहार - का उल्लेख किया गया है, जहां भाजपा के प्रमुख सहयोगी दलों की सरकारें हैं।

उन्होंने बताया कि 2014 में आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन के बाद केंद्र को कानून के तहत राज्य को सहायता प्रदान करनी थी।

वित्त मंत्री ने कहा, "राज्यों को पहले की तरह ही आवंटन मिल रहा है... किसी भी राज्य को कुछ भी देने से मना नहीं किया गया है। अधिनियम (आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम) के तहत केंद्र को राज्य (आंध्र प्रदेश) को राजधानी बनाने और पिछड़े क्षेत्रों के विकास में सहायता प्रदान करनी है।"

सीतारमण ने कहा, "पिछले 10 साल में कई कदम उठाए गए हैं और अधिनियम के अनुसार कई अन्य कदम उठाए जाने थे। हां, हम अमरावती में नई राजधानी के निर्माण और पोलावरम सिंचाई परियोजना का समर्थन करेंगे... पोलावरम का काम अब तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन कुछ तकनीकी मुद्दे थे। राज्य सरकार इस मामले पर विचार कर रही है।"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की आलोचना पर विशेष रूप से प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "उन्होंने जो मुद्दा उठाया है - कि मैंने कई राज्यों के नाम नहीं लिए हैं और केवल दो राज्यों के बारे में बात की है... कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही है। उन्होंने कई बजट पेश किए और उन्हें पता होना चाहिए कि हर बजट में आपको देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता।"

सीतारमण ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीजों को सरल रखने की इच्छा के अनुरूप बजट तैयार किया गया है, ताकि हर कोई इसे समझ सके।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए अपनी जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उधार लेना जरूरी है। लेकिन वित्त मंत्रालय का ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि विकास को प्रभावित किए बिना कर्ज कम किया जाए।

उन्होंने कहा कि अंतिम राजकोषीय घाटे के लिए एक संख्या तय करना और हर साल अस्थायी समाधानों के साथ इस दिशा में काम करना, चीजों को आगे बढ़ाने का एक तरीका हो सकता है, लेकिन व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण से यह सही तरीका नहीं है।

वित्त मंत्री ने कहा, "हमने राजकोषीय घाटे को उस संख्या के करीब लाने के लिए एक स्वस्थ विकल्प चुना है। केवल संख्या को देखने की बजाय, यह इस बारे में भी है कि आप वहां पहुंचने के लिए कौन सा रास्ता चुनते हैं। हर देश के लिए एक स्पष्ट तरीका कर्ज कम करना है, लेकिन बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए उधार लेना जरूरी है। सवाल यह है कि आप कितना उधार ले रहे हैं और इसका इस्तेमाल कहां किया जा रहा है।"

--आईएएनएस

 

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