एयर इंडिया को छोटे शहरों के लिए उपयुक्त विमानों की तलाश
Source : business.khaskhabar.com | Jun 18, 2016 | 

नई दिल्ली। एयर इंडिया छोटे शहरों के लिए अपनी सेवा बढ़ाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए उसने उपयुक्त विमानों की पहचान करने की कवायद शुरू कर दी है। यह जानकारी कंपनी के अध्यक्ष ने दी है।
एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अश्विन लोहानी ने यहां कंपनी मुख्यालय एयरलाइंस हाउस में आईएएनएस से कहा, ‘‘हमारा मुख्य ध्यान क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने पर है। हम अधिकाधिक स्थानों को जोडऩे की कोशिश करेंगे।’’
लोहानी ने कहा, ‘‘हाल ही में हमने यहां के हवाईअड्डे (इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा) के अपने हब से प्रथम और दूसरी श्रेणी के शहरों के लिए 10-12 सीधी उड़ानें शुरू की हैं। वे अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय हब से और छोटे शहरों के लिए ऐसा ही प्रयास किया जा रहा है।
कंपनी अभी क्षेत्रीय नेटवर्क पर सिर्फ किराए के विमान का उपयोग कर रही है।
कंपनी के बेड़े में तीन सीआरजे-700 विमान हैं, जिनमें 70 सीटें होती हैं। इसके अलावा तीन एटीआर 42-320 और पांच एटीआर 72-600 विमान हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे और विमानों (और छोटे विमान) को बेड़े में शामिल करने की योजना है।’’
लोहानी ने कहा, ‘‘हम विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। छोटे जेट विमान उपयुक्त नजर आ रहे हैं। उनकी रफ्तार अधिक होगी, उन पर खर्च कम होगा और संभवत: उनका संचालन सस्ता होगा।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी 100 सीटों वाले विमानों पर भी विचा कर सकती है।
अभी कंपनी के बेड़े में सिर्फ बांबार्डियर कनाडेयर रीजनल जेट विमान में ही जेट इंजन हैं।
इस सप्ताह जारी की गई नई राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति में क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया है।
1980 बैच के भारतीय रेल सेवा के सदस्य लोहानी यह भी चाहते हैं कि देश के रेल यात्रियों के पास विमान यात्रा और रेल यात्रा दोनों विकल्प मौजूद हों। उन्होंने उम्मीद जताई कि पिछले महीने शुरू में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) के साथ इस संबंध में एक समझौता करने के प्रस्ताव पर जल्द ही अमल होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रस्ताव हमारे खाली रह जाने वाली सीटों को भरने के लिए आया है। गत महीने हमने आईआरसीटीसी के सहयोग से एयर इंडिया के टिकट राजधानी की प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को देने का प्रस्ताव रखा था। हम अपनी ओर से तैयार हैं। हमें उम्मीद है कि इस समझौते से रोज करीब 2,000 सीटें भर सकती हैं।’’(IANS)