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सेंसेक्स, निफ्टी में 1 फीसदी गिरावट (साप्ताहिक समीक्षा)

Source : business.khaskhabar.com | Feb 06, 2016 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Sensex, Nifty fall 1 percent Weekly Reviewमुंबई। देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह करीब एक फीसदी गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1.02 फीसदी यानी 253.72 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 24,616.97 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.98 फीसदी यानी 74.45 अंकों की गिरावट के साथ 7,489.10 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयरों में तेजी रही। भारती एयरटेल (6.01 फीसदी), ल्युपिन (5.33 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (3.68 फीसदी), लार्सन एंड टुब्रो (3.40 फीसदी) और एशियन पेंट्स (3.26 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे एनटीपीसी (12.31 फीसदी), मारूति (9.13 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (9.08 फीसदी), गेल (6.91 फीसदी) और भारतीय स्टेट बैंक (6.53 फीसदी)। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गत सप्ताह गिरावट रही। मिडकैप 0.79 फीसदी या 82.19 अंकों की गिरावट के साथ 10,335.07 पर और स्मॉलकैप 2.76 फीसदी या 300.31 अंकों की गिरावट के साथ 10,569.53 पर बंद हुआ।

सोमवार एक फरवरी को जारी निक्केई पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के आंक़डे के मुताबिक देश के विनिर्माण क्षेत्र में जनवरी 2016 में तेजी दर्ज की गई। मार्किट और निक्केई द्वारा किए गए पीएमआई सर्वेक्षण के मुताबिक, जनवरी 2016 में पीएमआई रीडिंग बढ़कर 51.1 दर्ज की गई, जो दिसंबर में 49.1 थी। पीएमआई में 50 से नीचे की रीडिंग से संबंधित आर्थिक क्षेत्र में संकुचन और रीडिंग के 50 से ऊपर रहने से विस्तार का पता चलता है। बुधवार तीन फरवरी जारी एक प्रमुख आंक़डे के मुतााबिक देश के सेवा क्षेत्र में जनवरी महीने में विस्तार दर्ज किया गया। निक्केई व्यापारिक गतिविधि इंडेक्स की रीडिंग जनवरी में 19 महीने के ऊपरी स्तर 54.3 पर दर्ज की गई, जो दिसंबर 2015 में 53.6 पर थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार दो फरवरी को अगले कारोबारी साल के बजट पेश होने और महंगाई पर तस्वीर और स्पष्ट होने का इंतजार करते हुए बाजार की उम्मीदों के अनुरूप मंगलवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया।

आरबीआई ने रेपो दर बिना किसी बदलाव के 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा। इसकी वजह से रिवर्स रेपो दर भी 5.75 फीसदी के पूर्व स्तर पर जस की तस रही। नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह चार प्रतिशत पर कायम है। रेपो दर वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्प अवधि के लिए ऋण देता है, जबकि रिवर्स रेपो वह दर होती है, जो रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि के लिए जमा राशि पर ब्याज के रूप में देता है।