businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

महंगाई कम रहे, सुधार जारी रहें:राजन

Source : business.khaskhabar.com | Sep 18, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Its important to maintain low inflation said Raghuram Rajan, Must read   मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि महंगाई दर वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी कम रखा जाना चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि टिकाऊ विकास के लिए सुधार जरूरी है उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि टिकाऊ विकास के लिए महंगाई दर कम रखते हुए सुधार को कार्यान्वित करना जरूरी है। उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है।

अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर को जस-का-तस रखने के फैसले के बाद आरबीआई द्वारा कटौती करने की संभावना और बढ़ी है।फेड के फैसले के बाद में राजन ने कहा कि फेड के फैसले का संबंध अमेरिकी अर्थव्यवस्था से संबंधित चिंता से हो सकता है।उन्होंने कहा कि फेड को संभवत: दर वृद्धि करने से पहले कुछ और सूचनाओं का इंतजार है।राजन ने कहा कि बैंकों को जल्द-से-जल्द अपनी वित्तीय स्थिति ठीक कर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिवालिया संहिता बनाने की जरूरत है, जो बैंकों को अपने ऋण खाते को सही रखने को बाध्य करेगा।

ब्राजील की समस्या की ओर इशारा करते हुए राजन ने कहा, "विकास सही मार्ग पर चल कर हासिल किया जाना चाहिए। राहत योजनाओं के जरिए विकास दर बढ़ाया जा सकता है। जैसा कि हमने 2010 और 2011 में देखा, जिसके परिणामस्वरूप महंगाई बढ़ी, घाटा बढ़ा और 2013 और 2014 में विकास दर घट गई।"राजन ने कहा कि बढ़ती विकास दर को मजबूती के लिए और इसे टिकाऊ बनाने के लिए कठिन मेहनत करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, "मौद्रिक नीति में जो भी गुंजाइश हो किया जाएगा, लेकिन हम सरकार और नियामकों द्वारा घोषित सुधार के जरिए ही टिकाऊ विकास की संभावना को हासिल कर सकते हैं।"इनका मकसद व्यापार के लिए माहौल बेहतर करना और वित्तीयन की उपलब्धता बढ़ाना है। इससे कंपनियां अपनी विशेषज्ञता का उपयोग बढ़चढ़ कर करने के लिए प्रेरित होंगी।

उन्होंने कहा कि लक्षित प्रोत्साहन, कर छूट, संरक्षण, ऋण को लक्षित करने और सब्सिडी से निश्चित रूप से बचा जाना चाहिए। इतिहास गवाह है कि इन से उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता घटी ही है और इसने देश को अंतर्राष्ट्रीय जगत में अपना वाजिब स्थान हासिल करने से रोका है।

वित्तीय सेवा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि नए खिलाड़ियों को प्रवेश की सुविधा देकर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की जरूरत थी, ताकि टिकाऊ विकास हो। उन्होंने कहा, "एक दशक के बाद हम इस साल दो नए बैंक देखेंगे। अगले साल हम बड़ी संख्या में भुगतान बैंक और लघु बैंक देखेंगे।"

उन्होंने साथ ही कहा कि किसी भी सुधार को सांस्थानिक करने की जरूरत है, ताकि सुधार करने वाले के गुजर जाने के बाद भी सुधार जारी रहे।