ऑडिट प्रक्रिया मे कैग का सहयोग करें बिजली वितरण कंपनियां
Source : business.khaskhabar.com | Mar 25, 2014 | 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने टाटा पावर तथा रिलायंस एडीएजी की तीन बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से कहा कि वे उसकी एकल जज पीठ के आदेश का पालन करें तथा ऑडिट प्रक्रिया में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का पूरी तरह सहयोग करें। कार्यवाहक न्यायाधीश बीडी अहमद तथा न्यायाधीश एस मृदुल की पीठ ने यह व्यवस्था दी।
पीठ ने कहा, "वितरण कंपनियों को कैग का पूर्ण सहयोग करना चाहिए।" अदालत ने इन डिस्काम टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) तथा रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रूप की कंपनी बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड तथा बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड को किसी तरह की अंतरिम राहत नहीं दी और कहा, "आप आदेशों का पालन करें।"
अदालत ने डिस्कॉम की याचिकाओं को एक मई के लिए सूचीबद्ध करते हुए यह आदेश जारी किया। डिस्कॉम ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील की हैं। अदालत ने बिजली वितरण कंपनियों के खातों की कैग से ऑडिट की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को भी उसी दिन के लिए सूचीबद्ध किया है। यह याचिका एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने दाखिल की है।
अदालत ने डिस्कॉम को निर्देश दिया है कि वे अपनी अपीलों के संबंध में हल्फनामे तथा जवाबी हल्फनामे आदि दाखिल करने का काम एक मई से पहले पूरा कर लें। एकल पीठ ने 24 जनवरी को बिजली वितरण कंपनियों के खातों की कैग ऑडिट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। एकल पीठ ने इन कंपनियों से कहा था कि वे जांच में कैग का सहयोग करें। डिस्कॉम ने इस फैसले के खिलाफ वृहत पीठ में चुनौती दी है। एकल पीठ ने हालांकि यह भी कहा था कि ऑडिट की रपट अदालत की अनुमति के बिना जारी नहीं की जाए।