चीन से आयात के चलते कॉस्ट्यूम जूलरी की मांग कम
Source : business.khaskhabar.com | Jan 21, 2015 | 

कोलकाता। पिछले फाइनैंशल इयर के उलट कॉस्ट्यूम जूलरी मैन्युफैक्चरर्स को अब मुश्किलों का सामना करना पड रहा है। कमजोर मैन्युफैक्चरिंग और चीन से सस्ते इंपोर्ट्स की वजह से कॉस्ट्यूम जूलरी मैन्युफैक्चरर्स की हालत खराब होती जा रही है। मौजूदा फाइनैंशल इयर में डिमांड में भी 10-20 पसेंüट की गिरावट आई है। इमिटेशन जूलरी मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट मधुभाई पारेख ने कहा, "इंडस्ट्री के सामने अस्तित्व बचाने का संकट है।
नकदी की समस्या बनी हुई है क्योंकि अधिकांश रकम इç`टी मार्केट में लगाई जा रही है।" फाइनैंशल इयर 2014 में कॉस्ट्यूम जूलरी बिजनस की ग्रोथ रेट 25-30 पसेंüट थी क्योंकि सोने की कीमत 33,000 रूपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर जा चुकी थी। इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल कॉस्ट्यूम जूलरी का मार्केट 8,000 से 9,000 करोड रूपये का है। वेडिंग सीजन और फेस्टिव डिमांड के कारण अक्टूबर से फरवरी के बीच जूलरी डिमांड में बढोतरी होती है।
कॉस्ट्यूम जूलरी में महंगे मेटल्स और जेम्स के मुकाबले ब्रास, कास्ट आयरन, निकेल और प्लास्टिक बीड्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी रीसेल वैल्यू भी बेहद कम होती है। इस तरह की जूलरी की सबसे ज्यादा खपत अमेरिका, यूरोप, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य एशियाई देशों में होती है।