ब्लेक मनी : एचएसबीसी की चुराई गई सूची में शामिल भारतीय जांच दायरे में
Source : business.khaskhabar.com | Nov 23, 2015 | 

नई दिल्ली। कालेधन के मामले में एचएसबीसी की चुराई गई सूची में शामिल भारतीयों के खिलाफ अपने रूख को कडा करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने इन मामले में हवाला व मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की दृष्टि से एक स्वतंत्र शुरूआती जांच शुरू की है। निदेशालय (ईडी) ने इस संबंध में विभिन्न अदालतों के रजिस्ट्रर कार्यालयों से अब तक 140 इकाइयों के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा दायर अभियोजन आरोप पत्रों का ब्यौरा हासिल करने का काम शुरू किया है।
निदेशालय खुद व काले धन पर विशेष जांच दल (एसआईटी) चाहता था कि कर विभाग और इसकी शीर्ष संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) इन मामलों में ब्योरों को निदेशालय के साथ साझा करे। लेकिन कर विभाग द्वारा विदेशी सरकारों से हासिल जानकारी के साथ जुडी कडी शतोंü का हवाला देते हुए इस आग्रह को अब तक लगातार खारिज किया जाता रहा है। जानकार सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने कुछ समय पहले यह फैसला किया कि देश में विभिन्न अदालतों की रजिस्ट्री से मामलों की रपट हासिल कर उनकी समीक्षा जाए।
उन्होंने कहा कि निदेशालय को कुछ मामले पहले ही मिल चुके हैं। सूत्रों के अनुसार बैंक के एक कर्मचारी द्वारा कथित रूप से चुराए जाने के बाद यह सूची फ्रांसीसी सरकार ने कुछ साल पहले भारत सरकार को उपलब्ध कराई थी। उन्होंने कहा कि इस सूची में से अनेक मामलों में तो प्रथम दृष्टया विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के तहत आरोप बनते हैं। इनमें से अनेक में मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पी एम एल ए) के क़डे प्रावधान लागू किए जा सकते हैं।
इस सूची में शामिल, विदेशों में धन रखने वालों के लिए और परेशानी इसलिए भी हो सकती है क्योंकि पीएमएलए के तहत कानूनी प्रçRया आपराधिक प्रवृत्ति की है और निदेशालय द्वारा जारी एक ताजा परिपत्र के अनुसार आईपीसी की धारा 120 बी के तहत दर्ज मामलों में प्रवर्तन निदेशालय मनी लांड्रिंग आरोप के तहत जांच कर सकता है। ऎसा माना जाता है कि कर विभाग ने इनमें से अनेक मामलों में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी भी लगाई है।