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आत्‍मन‍िर्भर भारत की संकल्‍पना को साकार कर रहा देश का कोयला क्षेत्र, 40,900 करोड़ का निवेश और चार लाख से ज्यादा रोजगार का सृजन

Source : business.khaskhabar.com | Mar 28, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 the countrys coal sector is realizing the concept of self reliant india investment of rs 40900 crore and creation of more than four lakh jobs 711691नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश का कोयला क्षेत्र ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्‍पना को साकार करने की द‍िशा में आगे बढ़ रहा है। 11 दौर में 125 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है। इससे लगभग 40,900 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है और 4 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं।



 

कोयला मंत्रालय ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के अपने निरंतर प्रयासों में अब वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी की 12वीं किस्त शुरू की है।

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि 12वीं किस्त के साथ, अतिरिक्त 28 कोयला और लिग्नाइट ब्लॉकों की नीलामी की जा रही है, जिससे आयातित कोयले पर भारत की निर्भरता कम होगी और विदेशी मुद्रा का संरक्षण होगा।

मंत्री ने कहा, "नीलामी की पारदर्शी प्रक्रिया ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया है, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों को प्राइवेट प्लेयर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित किया गया है, परिणामस्वरूप अधिक दक्षता, सुधार को बढ़ावा मिला है। यह बदलाव भारत के कोयला क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को भी बढ़ाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।"

केंद्रीय मंत्री ने सभी हितधारकों और इंडस्ट्री प्लेयर्स को नीलामी के 12वें चरण में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे ऊर्जा-सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सामूहिक जिम्मेदारी को साथ मिलकर पूरा किया जा सके।

अपने संबोधन में, केंद्रीय कोयला और खान राज्य मंत्री, सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि भारत ने 1 बिलियन टन कोयला उत्पादन को पार कर लिया है, वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 12वें दौर का शुभारंभ ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि पारदर्शी नीलामी का मैकेनिज्म, उद्योग-अनुकूल नीतियां और निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी न केवल कोयला उत्पादन को बढ़ाएगी, बल्कि निवेश को आकर्षित करेगी, रोजगार के अवसर पैदा करेगी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को गति देगी।

नीलामी में दो लिग्नाइट खदानें भी शामिल हैं, जो विभिन्न ऊर्जा जरूरतों को पूरा करती हैं। कुल खदानों में से 13 पूरी तरह से खोजी जा चुकी हैं और 12 आंशिक रूप से खोजी जा चुकी हैं, जो दीर्घकालिक निवेश के अवसर प्रदान करती हैं और भारत के कोयला क्षेत्र के विकास में योगदान देती हैं।

इसके अलावा, वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के पिछले दौर की तीन खदानें भी पेश की जा रही हैं। नीलाम की जा रही खदानें झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे कोयला और लिग्नाइट वाले राज्यों में फैली हुई हैं।

--आईएएनएस
 

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