गुड़ की मांग में उछाल : मुजफ्फरनगर मंडी में 7000 मन की आवक, जयपुर में स्थिर रहे भाव
Source : business.khaskhabar.com | Dec 29, 2025 | 
जयपुर। उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड के दस्तक देते ही रसोई की प्राकृतिक मिठास 'गुड़' की मांग में भारी इजाफा देखा जा रहा है। स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता और सर्दियों में गुड़ के औषधीय लाभों के कारण बाजारों में इसकी ग्राहकी तेज हो गई है। हालांकि, आवक पर्याप्त होने के कारण फिलहाल कीमतों में कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश में देश की प्रसिद्ध मुजफ्फरनगर गुड़ मंडी में इन दिनों प्रतिदिन लगभग 7 हजार मन गुड़ की आवक हो रही है।
जयपुर की सूरजपोल मंडी स्थित प्रमुख फर्म महालक्ष्मी एंड कंपनी के मुरारीलाल अग्रवाल के अनुसार, जैसे-जैसे पारा गिरेगा, गुड़ की मांग में और अधिक तेजी आने की संभावना है। भारत वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा गुड़ उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा अकेले पैदा करता है।
भारत में प्रतिवर्ष लगभग 8 मिलियन टन गुड़ का निर्माण होता है। इसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों की अग्रणी भूमिका है।
गुड़ न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि इसे 'सुपरफूड' के रूप में भी देखा जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा और पारंपरिक त्योहारों में इसके व्यापक उपयोग ने इसे एक अनिवार्य वस्तु बना दिया है।
जयपुर थोक मंडी के भाव (प्रति किलो): पतासी गुड़: 43 से 45 रुपये
लड्डू गुड़: 43 से 46 रुपये
ढैया गुड़: 42 से 47 रुपये
विदेशी बाजारों में बढ़ती लोकप्रियताः
भारतीय गुड़ की प्राकृतिक मिठास अब केवल देश तक सीमित नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी मांग निरंतर बढ़ रही है। वर्तमान में भारत द्वारा श्रीलंका, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बांग्लादेश, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों को भारी मात्रा में गुड़ निर्यात किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि निर्यात के बढ़ते आंकड़े भारतीय किसानों और गुड़ उद्योग के लिए बेहतर भविष्य का संकेत हैं।
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