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सेबी ने भ्रामक सोशल मीडिया कंटेंट पर कसी नकेल, हटाईं 70,000 पोस्ट

Source : business.khaskhabar.com | Mar 22, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 sebi cracks down on misleading social media content removes 70000 posts 710349मुंबई । भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जानकारी दी कि सोशल मीडिया पर मिसलीडिंग कंटेंट (भ्रामक सामग्री) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है, सेबी की ओर से अक्टूबर 2024 से 70,000 से अधिक पोस्ट और अकाउंट को हटाया गया है।



 

सेबी द्वारा यह कदम गलत सूचनाओं से निपटने और ऑनलाइन फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर को रेगुलेट करने की कड़ी में उठाया गया है।

बाजार नियामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि वह यह सुनिश्चित कर सके कि इस तरह का कोई भी कंटेंट किसी भी निवेशक को भ्रमित न करे।

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (एआरआईए) शिखर सम्मेलन में सेबी के इन प्रयासों के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा, "हम सभी के लिए एक आम चिंता अनरजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों/शोध विश्लेषकों से जुड़ी है, जो निवेश में बढ़ती रुचि का गलत फायदा उठा रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि सेबी के प्रपोजल के तहत यूपीआई ‘पेराइट’ हैंडल का इस्तेमाल निवेशकों को रजिस्टर्ड संस्थाओं की आसानी से पहचान करने में मदद करेगा, ताकि वे खुद को धोखेबाजों से बचा सकें।

नारायण ने कहा, "निवेश में बढ़ती रुचि के साथ ही अनरजिस्टर्ड निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है। ये निवेश सलाहकार और शोध विश्लेषक निवेशकों को गुमराह करते हैं।"

नारायण ने यह भी घोषणा की कि सेबी निवेशकों के व्यवहार को बेहतर ढंग से समझने और अपनी आउटरीच रणनीतियों में सुधार करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी सर्वे की योजना बना रहा है।

विदेशी निवेश पर नारायण ने कहा, "ग्लोबल डेट इंडाइसेस में भारत के शामिल होने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ऋण प्रवाह में वृद्धि दर्ज की गई है और इसने इंवेस्टमेंट मिक्स में सुधार किया है।"

उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश के लिए इस तरह के निवेश को आकर्षित करना एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन देश को मजबूत आर्थिक विकास, वित्तीय स्थिरता और शासन को बनाए रखने की भी जरूरत है।

इस बीच, सेबी बोर्ड 24 मार्च को नए प्रमुख तुहिन कांता पांडे के नेतृत्व में अपनी पहली बैठक आयोजित करने वाला है।

बाजार नियामक एल्गोरिथम ब्रोकरों के लिए एक सेटलमेंट स्कीम पेश कर सकता है और शोध विश्लेषकों के लिए फी कलेक्शन पीरियड को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।

--आईएएनएस

 

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