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LIC 31 मार्च तक एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी हासिल करने की तैयारी में : सीईओ मोहंती

Source : business.khaskhabar.com | Mar 19, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 lic preparing to acquire stake in a health insurance company by march 31 ceo mohanty 709676नई दिल्ली । भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) के अंत तक एक स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हिस्सेदारी हासिल करने की योजना बना रही है। कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ मोहंती ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी।



 

हालांकि, उन्होंने उस कंपनी का नाम नहीं बताया जिसमें एलआईसी निवेश करना चाहती है। मोहंती ने कहा कि चर्चा अंतिम चरण में है।

मुंबई में ग्लोबल कॉन्फ्रेंस ऑफ एक्चुअरीज में अपने भाषण में मोहंती ने कहा, "हमारे पास योजना है। चर्चा अंतिम चरण में है। एलआईसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में प्रवेश करना एक स्वाभाविक विकल्प है।"

उन्होंने कहा कि विनियामक अनुमोदन में समय लगता है, इसलिए मुझे उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष के भीतर, 31 मार्च से पहले निर्णय लिया जाएगा।

हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एलआईसी की ओर से कंपनी में अधिकतम हिस्सेदारी हासिल नहीं की जाएगी।

एलआईसी ने पहले हेल्थ इंश्योरेंस बिजनेस में अपनी रुचि का संकेत दिया था और वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में कहा था कि वह एक स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस फर्म में निवेश करना चाहती है।

वर्तमान में, भारत में ऐसी सात कंपनियां मौजूद हैं, जिनमें स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस, केयर हेल्थ इंश्योरेंस, आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस, मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस, नारायण हेल्थ इंश्योरेंस और गैलेक्सी हेल्थ इंश्योरेंस शामिल है।

इसके अलावा, एलआईसी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अतिरिक्त दीर्घकालिक बॉन्ड जारी करने का भी अनुरोध किया है। बीमा दिग्गज ने पहले 40 साल के बॉन्ड मांगे थे, जिसे आरबीआई ने मंजूरी दे दी। अब, एलआईसी 50 साल और 100 साल के बॉन्ड के लिए चर्चा कर रही है।

मोहंती ने कहा, "हम दीर्घकालिक निवेशक हैं। अनुबंध के अनुसार भुगतान करने के लिए हमारे पास अनुबंध संबंधी दायित्व हैं। इसलिए, मुझे निवेश और परिसंपत्ति-देयता प्रबंधन को ठीक से प्रबंधित करना होगा।"

बीमा और पेंशन फंड की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आरबीआई ने पहले ही 50 साल के बॉन्ड पेश कर दिए हैं।

--आईएएनएस

 

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