अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और टैरिफ की राजनीति: अमेरिका-जापान और अमेरिका-कोरियाई संबंध
Source : business.khaskhabar.com | Sep 16, 2025 | 
मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की दुनिया में टैरिफ एक शक्तिशाली औजार बन गया है, जिसका इस्तेमाल देश अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए करते हैं। हाल ही में, अमेरिका ने जापान और दक्षिण कोरिया जैसे अपने प्रमुख व्यापारिक सहयोगियों के साथ टैरिफ नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनका इन देशों की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर सीधा असर पड़ेगा।
जापान के लिए टैरिफ में राहतः
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने जापान के साथ एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत, जापानी ऑटोमोबाइल और उनके पुर्जों पर लगने वाले टैरिफ को मौजूदा 27.5% से घटाकर 15% कर दिया है। यह फैसला इस महीने की शुरुआत में ट्रंप द्वारा कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद लिया गया है और मंगलवार से प्रभावी हो गया है। यह कदम जापानी वाहन निर्माताओं के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि यह अमेरिकी बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा।
जापानी ऑटो कंपनियां, जैसे टोयोटा, इस फैसले का स्वागत कर रही हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों के एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है, जिसमें जापान कृषि उत्पादों की खरीद बढ़ाएगा और अमेरिका में भारी निवेश भी करेगा।
दक्षिण कोरिया के लिए चुनौतियांः
वहीं, दूसरी ओर दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माताओं को अभी भी अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान में, दक्षिण कोरियाई कारों पर 25% का टैरिफ लगा हुआ है। यह टैरिफ 1962 के व्यापार विस्तार अधिनियम की धारा 232 के तहत लगाया गया है, जो राष्ट्रपति को ऐसे आयातों को नियंत्रित करने की अनुमति देता है जिन्हें वे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं।
हालांकि, अमेरिका ने जुलाई में एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत दक्षिण कोरियाई वाहनों पर टैरिफ को घटाकर 15% करने पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन इस समझौते की बारीकियों पर अभी भी बातचीत चल रही है, जिससे यह अनिश्चित है कि यह कब लागू होगा।
दक्षिण कोरिया के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि अमेरिका उनके लिए एक प्रमुख ऑटो निर्यात बाजार है। पिछले साल, दक्षिण कोरिया के कुल कार निर्यात का 49.1% हिस्सा अमेरिका को गया, जिसकी कुल कीमत 34.7 अरब डॉलर थी। हुंडई मोटर ग्रुप और जीएम कोरिया जैसी कंपनियों ने अकेले पिछले साल अमेरिका को लाखों यूनिट्स का निर्यात किया था।
कूटनीतिक प्रयास और भविष्य की राहः
इस मुद्दे को हल करने के लिए, कोरिया के व्यापार मंत्री येओ हान-कू ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया, जहां उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत की। उनका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोरियाई कारों के लिए टैरिफ में कमी "जितनी जल्दी हो सके" लागू हो। उन्होंने कहा कि बातचीत जारी है और वे संयम बनाए रखेंगे।
यह दिखाता है कि व्यापारिक विवादों को हल करने के लिए कूटनीतिक प्रयास कितने महत्वपूर्ण हैं। जब तक यह समझौता लागू नहीं हो जाता, तब तक दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माताओं को अमेरिकी बाजार में उच्च टैरिफ का बोझ उठाना पड़ेगा, जो उनकी लाभप्रदता और बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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