EPF और PPF पर हो सकती है ब्याज कटौती
Source : business.khaskhabar.com | Sep 05, 2016 | 

नई दिल्ली। आर्थिक विश्लेषकों के अनुसार इम्प्लॉइज प्राविडेंट फंड (ईपीएफ)
पर इस साल पिछले साल की तरह 8.8 फीसदी ब्याज मिलना मुश्किल है। वित्त
मंत्रालय पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) और सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम
सहित अन्य छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
विश्लेषकों
की माने तो पिछले 6 महीनों में बॉन्ड यील्ड में तेज गिरावट आई है। छोटी
बचत योजनाओं की ब्याज दर सरकारी बॉन्ड यील्ड से जुड़ी हैं, ऐसे में ब्याज
दर में कटौती की जा सकती है। एक अंग्रेजी अखबार ने छोटी बचत योजनाओं की
ब्याज दरों के बारे में अनुमान लगाने के लिए 25 वित्तीय प्रोफेशनल्स से बात
की। इनमें से 84 फीसदी विश्लेषकों ने कहा कि इस साल ईपीएफ दर में कमी
आएगी।
ईपीएफ रिटर्न बढ़ाने के लिए एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड
ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) नए निवेश में से 5 प्रतिशत रकम अगस्त 2015 से
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में लगा रहा है। हालांकि, इसका मतलब यह भी
है कि 95 प्रतिशत फ्रेश इनफ्लो को मौजूदा ब्याज दरों पर बॉन्ड में लगाया
जाएगा। इस मामले में इंडिया लाइफ कैपिटल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अमित
गोपाल ने कहा, ऐसे में इस साल पीएफ इंट्रेस्ट रेट में कमी आनी चाहिए।
इंडिया लाइफ कैपिटल, पेंशन फंड्स को लीगल अडवाइजरी सर्विस देती है।
एक्सपर्ट्स
का कहना है कि ईपीएफ से शेयर बाजार में इतना कम पैसा लगाया जा रहा है कि
उसका रिटर्न पर असर पडऩा मुश्किल है। आउटलुक एशिया कैपिटल के सीईओ मनोज
नागपाल ने बताया, ईपीएफ के कुल फंड में इक्विटी की हिस्सेदारी बमुश्किल एक
प्रतिशथ है। इसका असर दिखने में कुछ साल का समय लगेगा। रेटिंग एजेंसी
क्रिसिल की एक स्टडी के मुताबिक, अगर नए निवेश में से सिर्फ 5 प्रतिशत रकम
शेयर बाजार में लगाई जाती है तो कुल कॉरपस का 5 प्रतिशत तक पहुंचने में 15
साल का समय लगेगा। इसमें इक्विटी पर 12 प्रतिशत और डेट इनवेस्टमेंट पर 8
प्रतिशत रिटर्न का अनुमान लगाया गया है।