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वैश्विक अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार देने में भारत की होगी अहम भूमिका: अमिताभ कांत

Source : business.khaskhabar.com | Jan 27, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 india will play an important role in shaping the future of the global economy amitabh kant 699046नई दिल्ली ।  जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत के कहा कि जैसे-जैसे दुनिया का ध्यान ग्लोबल साउथ के विकासशील देशों की ओर जा रहा है, भारत की तेज आर्थिक प्रगति वैश्विक अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगी।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कांत ने कहा, "आईएमएफ के अनुसार, इस साल आर्थिक वृद्धि का 75-80 प्रतिशत हिस्सा ग्लोबल साउथ से आएगा।"

उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधारों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़े निवेश के दम पर भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। तेज आर्थिक वृद्धि के कारण भारत अब 2027 तक जर्मनी और जापान से आगे निकल जाएगा।

कांत ने आगे कहा कि भारत का भविष्य इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इनोवेशन और पर्यावरणीय स्थिरता में निरंतर निवेश से संचालित होगा और देश 2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।

कांत ने बताया कि आईएमएफ और विश्व बैंक दोनों ने भविष्यवाणी की है कि अगले तीन दशकों में वैश्विक विकास का तीन-चौथाई हिस्सा ग्लोबल साउथ से आएगा, जो काफी हद तक युवा और गतिशील आबादी द्वारा संचालित होगा। यह जनसांख्यिकीय लाभांश आर्थिक विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और यह यूरोप और अमेरिका के बिल्कुल विपरीत है, जहां आबादी बूढ़ी हो रही है।

कांत ने आईएमएफ द्वारा भारत को दुनिया के "पांच कमजोर" देशों में से एक के रूप में लेबल किए जाने से लेकर वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने तक के एक दशक के बड़े परिवर्तन के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि यह नाटकीय परिवर्तन कई साहसिक संरचनात्मक सुधारों से प्रेरित है, जिसमें जीएसटी, दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी), रियल एस्टेट विनियमन एवं विकास अधिनियम (रेरा) का कार्यान्वयन और व्यापार करने में आसानी को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न पहल शामिल हैं।

कांत ने आगे कहा कि 2016 में केवल 18 प्रतिशत भारतीय महिलाओं के पास बैंक खातों तक पहुंच थी। यह आंकड़ा अब बढ़कर 91 प्रतिशत पर पहुंच गया है जो वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने में देश द्वारा की गई तीव्र प्रगति को दर्शाता है।

कांत के मुताबिक, भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में देश के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन और वितरण के साथ हरित ऊर्जा में भी तेजी से प्रगति कर रहा है।

--आईएएनएस

 

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