businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

भारत की पेपर इंडस्ट्री में वित्त वर्ष 2025-26 में आएगी रिकवरी, मार्जिन में भी होगा सुधार: रिपोर्ट

Source : business.khaskhabar.com | Mar 18, 2025 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 india paper industry will recover in fy 2025 26 margins will also improve report 709394मुंबई । भारत की पेपर इंडस्ट्री में वित्त वर्ष 2025-26 में मजबूत रिकवरी देखने को मिल सकती है। साथ ही, मार्जिन में भी सुधार होगा। यह जानकारी सोमवार को एक रिपोर्ट में दी गई है।  

केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 24 और वित्त वर्ष 25 के पहले नौ महीनों में कच्चे माल की लागत में इजाफा होने और आयात बढ़ने के कारण पेपर इंडस्ट्री को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, वुड पल्प की कीमतों में स्थिरता और आयात में कमी के कारण वित्त वर्ष 26 में पेपर इंडस्ट्री के ऑपरेटिंग मार्जिन में लगभग 2 प्रतिशत का सुधार होने का अनुमान है।

रिपोर्ट में बताया गया कि पेपरबोर्ड और पैकेजिंग सेगमेंट, जिसका योगदान वित्त वर्ष 24 में इंडस्ट्री की आय में 55 प्रतिशत का था, में ई-कॉमर्स के बढ़ते चलन और सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के कारण 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

इसके अतिरिक्त, प्रिंटिंग और राइटिंग पेपर सेगमेंट को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और शिक्षा पर बढ़े हुए सरकारी खर्च से लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे इंडस्ट्री लंबी अवधि में विकास के लिए तैयार है।

केयरएज रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर डी नवीन कुमार ने कहा, "भारतीय पेपर इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। बढ़ते आयात और कच्चे माल की लागत में मुद्रास्फीति जैसी चुनौतियों ने वित्त वर्ष 24 और वित्त वर्ष 25 के पहले 9 महीनों में मार्जिन को प्रभावित किया है, लेकिन यह क्षेत्र सुधार के लिए तैयार है। लागत में स्थिरता और मजबूत मांग के चलते वित्त वर्ष 26 में मार्जिन में सुधार का समर्थन करेंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए आधुनिकीकरण, लागत अनुकूलन और टिकाऊ पैकेजिंग पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 24 में आयात में लगातार वृद्धि ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग पर दबाव बढ़ा दिया था। कम बिक्री मूल्य मिलने और बढ़ती इनपुट लागत से वित्त वर्ष 25 में घरेलू पेपर कंपनियों की आय 3-4 प्रतिशत गिरने का अनुमान है।

अन्य इंडस्ट्री की बढ़ती मांग और कोविड-19 के दौरान वृक्षारोपण गतिविधि में कमी के कारण घरेलू लकड़ी की कीमतें उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। वित्त वर्ष 24 और वित्त वर्ष 25 के पहले 9 महीनों में हार्डवुड पल्प की कीमतों में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सस्ते आयात से प्रतिस्पर्धा के कारण घरेलू मैन्युफैक्चर्स को इन बढ़ी हुई लागतों को ग्राहकों को पास करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था।

--आईएएनएस

 

[@ कछुआ से लाए घर में ढेर सारी सुख और समृद्धि]


[@ झील के पानी में हाथ डालते ही उठने लगी आग की लपटे!]


[@ कुंडली का ये भाव बताता है आप ‘अमीर’ है या ‘गरीब’]