गैस मूल्यवृद्धि पिछली तारीख से संभव नहीं!
Source : business.khaskhabar.com | Jun 04, 2014 | 

नई दिल्ली। सरकार प्राकृतिक गैस की कीमतों में विलंबित वृद्धि पुरानी तारीख से शायद ही लागू करे। एक अधिकारी ने इसका संकेत देते हुए कहा कि बिजली और सीएनजी उपभोक्ताओं से पिछली तारीख के बिल बढाकर वसूलना मुश्किल होगा। बता दें, रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसकी भागीदार ब्रिटेन की बीपी व कनाडा की निको रिसोर्सेज ने एक अप्रैल से नई दरें लागू करने की मांग की है और उन्होंने इसमें हो रही देरी के लिए पंचाट की प्रक्रिया शुरू की है।
पूर्वी अपतटीय केजी-डी-6 क्षेत्र की गैस के लिए पुरानी 4.2 डालर प्रति इकाई की दर 31 मार्च को समाप्त हो गई। ऎसे में ये कंपनियां अगले दिन से ही नया मूल्य प्राप्त करने की पात्र हैं। सी रंगराजन की अगुवाई वाली समिति ने घरेलू स्तर पर उत्पादित सभी प्राकृतिक गैस के लिए जो नया मूल्य फार्मूला सुझाया है वह एक अप्रैल से प्रभावी होना था,लेकिन आम चुनाव की वजह से इसमें विलंब हुआ है। संशोधित दरों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है क्योंकि नई सरकार इस बारे में अपने स्तर पर विचार कर रही है। अब एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल मुख्य रूप से उर्वरक विनिर्माण, बिजली उत्पादन व सीएनजी उत्पादन के लिए किया जाता है।
चूंकि नए मूल्य की घोषणा को अभी तक लागू नहीं किया गया है, फिलहाल गैस पुरानी दर यानी 4.2 डॉलर प्रति एमबीटीयू पर बेची जा रही है। इसी दर के हिसाब से किसानों को बेचे जाने वाले यूरिया, घरों को बिजली तथा वाहनों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी की दरों की गणना की जाती है। यदि गैस मूल्यवृद्धि को पुरानी तारीख यानी एक अप्रैल से लागू किया जाता है, तो उपभोक्ताओं द्वारा पहले से खपत की गई बिजली या सीएनजी के लिए अतिरिक्त शुल्क लेना मुश्किल होगा।
हालांकि, पिछली तारीख से गैस मूल्यवृद्धि लागू होने से उर्वरक क्षेत्र के समक्ष दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि सरकार एक अप्रैल से शुरू होने वाली अवधि के लिए सब्सिडी भुगतान उसी अनुपात में बढा सकती है, लेकिन बिजली उत्पादकों व सीएलजी रिटेलरों के मामले में यही सिद्धंत अपनाना संभव नहीं होगा, क्योंकि सरकार उन्हें सीधी सब्सिडी नहीं देती है। गैस के नए 8.4 डॉलर प्रति इकाई के मूल्य के हिसाब से बिजली की लागत 2.93 रूपए प्रति यूनिट से बढकर 6.40 रूपए प्रति यूनिट हो जाएगी। इससे सीएनजी की खुदरा कीमत में कम से कम 8 रूपए प्रति किलोग्राम का इजाफा होगा। अधिकारी ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली सरकार रंगराजन समिति के मूल्य फार्मूला पर विचार कर रही है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की अध्यक्षता में दिसंबर में हुई कैबिनेट की बैठक में इस मूल्य फार्मूला को मंजूरी दी गई थी।