हिन्दुस्तान जिंक ने देश के खजाने में दिया 1.7 लाख करोड़ का योगदान : अनिल अग्रवाल
Source : business.khaskhabar.com | Apr 10, 2025 | 
उदयपुर। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि कंपनी ने अब तक देश के खजाने में लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
अग्रवाल ने 23 साल पहले शुरू हुए भारत के विकास के एक नए दौर और जस्ता जैसे महत्वपूर्ण धातु की बढ़ती मांग का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 2002 में सरकार के साहसिक निजीकरण के फैसले के बाद वेदांता को हिन्दुस्तान जिंक में हिस्सेदारी मिली और कंपनी ने एक ही साल में बिना किसी छंटनी के, तकनीक और विशेषज्ञों की मदद से अपने मुनाफे में 113.58% की वृद्धि दर्ज की।
आज, हिन्दुस्तान जिंक न केवल भारत बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक कंपनी है। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने इंजीनियरों और विशेषज्ञों के अनुसंधान के माध्यम से भारत में चांदी के उत्पादन को भी 15 गुना बढ़ाया है। इस प्रगति से राजस्थान में लाखों लोगों को रोजगार मिला है और 1000 से अधिक संबद्ध उद्योगों की स्थापना हुई है।
अग्रवाल ने आर्थिक और सामाजिक समृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण में हुए सुधार का भी जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान जैसा धूप वाला प्रदेश और भी अधिक चमक उठा है। उन्होंने इस यात्रा को अद्भुत बताते हुए कहा कि यह तो बस शुरुआत है।
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, वेदांता समूह की एक कंपनी है और विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक तथा वैश्विक स्तर पर चांदी की तीसरी सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी है।
भारत के प्राथमिक जस्ता बाजार में 75% की प्रमुख हिस्सेदारी के साथ, कंपनी 40 से अधिक देशों में अपने उत्पादों की आपूर्ति करती है।
अपनी उद्योग-अग्रणी प्रथाओं के लिए विख्यात, हिन्दुस्तान जिंक को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 द्वारा लगातार दूसरे वर्ष धातु और खनन क्षेत्र में विश्व की सबसे टिकाऊ कंपनी के रूप में मान्यता मिली है। यह मान्यता संचालन, नवाचार और पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) मानकों में कंपनी की उत्कृष्टता को दर्शाती है।
स्थायी उत्पादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कंपनी ने इकोजेन-एशिया का पहला कम कार्बन वाला "ग्रीन" जस्ता ब्रांड पेश किया है। नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करके उत्पादित इकोजेन में प्रति टन जस्ता में 1 टन से भी कम कार्बन फुटप्रिंट है, जो वैश्विक औसत से लगभग 75% कम है।
हिन्दुस्तान जिंक एक प्रमाणित 2.41 गुना जल सकारात्मक कंपनी भी है और 2050 या उससे पहले शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसका सामाजिक प्रभाव भी सराहनीय है, जिसने लक्षित सामुदायिक विकास कार्यक्रमों के माध्यम से 1.9 मिलियन लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है, जिससे इसे भारत की शीर्ष 10 सीएसआर कंपनियों में स्थान मिला है।
एक अग्रणी ऊर्जा संक्रमण धातु कंपनी के रूप में, हिन्दुस्तान जिंक एक स्थायी भविष्य के लिए आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कंपनी कार्यस्थल समावेशन में भी अग्रणी है, जिसने 25% से अधिक का लिंग विविधता अनुपात प्राप्त किया है - जो भारत के खनन, धातु और भारी इंजीनियरिंग उद्योगों में सबसे अधिक है।
[@ बॉलीवुड में आने से पहले पेट पालने के लिए ये काम करती थी तापसी]
[@ Pics: जब "बुलेटरानी" बनकर आई दुल्हन और...]
[@ झील के पानी में हाथ डालते ही उठने लगी आग की लपटे!]