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जीएसटी में बदलाव से त्रिपुरा की अर्थव्यवस्था को बड़ा बूस्ट, हैंडलूम से लेकर फ्रूट जूस उद्योग को हुआ फायदा

Source : business.khaskhabar.com | Oct 23, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 gst changes give tripura economy a major boost benefiting everyone from handloom to fruit juice industries 762197अगरतला। सरकार ने गुरुवार को कहा कि जीएसटी दरों में हालिया कटौती से त्रिपुरा के हैंडलूम, चाय, रेशम उत्पादन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों की लागत कम हो रही है और बाजार तक पहुंच बढ़ रही है। 
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ये सुधार रीसा और पचरा-रिग्नाई वस्त्रों से लेकर त्रिपुरा क्वीन अनानास उत्पादों और रेशम उत्पादन उद्योग को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं और आदिवासी महिलाओं, कारीगरों और छोटे किसानों को सशक्त बना रहे हैं। साथ ही मूल्यवर्धन और निर्यात को भी बढ़ावा देते हैं। 
जीआई-टैग वाले रीसा और पचरा-रिग्नाई वस्त्रों पर ये कटौती लागू हुई है, जिससे हथकरघा उद्योग से जुड़े 1.3 लाख से अधिक परिवारों को लाभ होगा, साथ ही इन कपड़ों से बने सिले हुए परिधानों को भी लाभ होगा, जिससे स्थानीय रूप से बुने हुए कपड़ों की मूल्य प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। जीएसटी में हालिया संशोधनों ने इस पारंपरिक शिल्प को और बढ़ावा दिया है। अब कपड़ों पर जीएसटी लगभग 5 प्रतिशत हो गया है और 2,500 रुपए तक के सिले हुए परिधानों को पहले के 12 प्रतिशत कर स्लैब से हटाकर 5 प्रतिशत कर स्लैब में डाल दिया गया है। 
बयान में कहा गया है कि सिले हुए रीसा-आधारित परिधानों पर 7 प्रतिशत की यह कटौती ग्रामीण महिलाओं के लिए आय के अवसरों को बढ़ाएगी और साथ ही राज्य की सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित करेगी। पैकेज्ड और इंस्टेंट चाय पर भी अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जिससे 54 चाय बागानों और लगभग 2,755 छोटे चाय उत्पादकों को लाभ होगा और बांग्लादेश, मध्य पूर्व और यूरोप जैसे बाजारों में निर्यात करते हैं। 
एक अन्य प्रमुख क्षेत्र रेशम उत्पादन, जिसमें राज्य भर के लगभग 15,550 किसान शामिल हैं। अब रेशम-आधारित उत्पादों पर 5 प्रतिशत कर लग रहा है, जिससे रेशम मूल्य श्रृंखला के हर चरण - कोकून की खेती, पालन और कच्चे रेशम के उत्पादन से लेकर छोटे पैमाने की रीलिंग इकाइयों के संचालन तक - की लागत कम होगी। इसके अलावा, त्रिपुरा में खाद्य प्रसंस्करण को फलों और सब्जियों के रस पर 7 प्रतिशत जीएसटी कटौती का लाभ मिलेगा, जिसमें जीआई-टैग वाले त्रिपुरा क्वीन अनानास के उत्पाद भी शामिल हैं। राज्य में लगभग 2,848 खाद्य और कृषि-प्रसंस्करण इकाइयां सक्रिय हैं। 
कर दबाव को कम करके, यह सुधार प्रसंस्करण, पैकेजिंग और निर्यात को प्रोत्साहित करता है, जिससे त्रिपुरा के फल क्षेत्र को कृषि-आधारित उत्पादन से अधिक मूल्य-संचालित, बाजार-उन्मुख पारिस्थितिकी तंत्र में विकसित होने में मदद मिलती है। वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2024-25 तक, त्रिपुरा ने दुबई, ओमान, कतर और बांग्लादेश को लगभग 73 मीट्रिक टन अनानास का निर्यात किया, जबकि अन्य भारतीय राज्यों को लगभग 15,000 मीट्रिक टन की आपूर्ति की थी। -आईएएनएस

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