नोटबंदी का असर,वृद्धि दर नीचे आई
Source : business.khaskhabar.com | May 31, 2017 |
नई दिल्ली। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की रफ्तार पिछले वित्त वर्ष
में 7.1 फीसदी रही। वहीं, पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में यह 6.1
फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बुधवार को एक बयान में कहा,वित्त
वर्ष 2016-17 के लिए निरंतर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक सकल घरेलू
उत्पाद (जीडीपी) 121. 90 लाख करोड रूपये अनुमानित है, जिसकी रफ्तार 7.1
फीसदी रही है। यह वित्त वर्ष 2015-16 में 113.81 लाख करोड रूपये थी।
सकल मूल्य (जीवीए) के संदर्भ में, जिसमें अप्रत्यक्ष कर शामिल नहीं है,
उसकी रफ्तार में वित्त वर्ष 2015-16 की तुलना में गिरावट दर्ज की गई और यह
6.6 फीसदी रही। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीवीए में तेज गिरावट
देखी गई और यह 6.1 फीसदी रही।
कृषि क्षेत्र के काफी अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वृद्धि दर नीचे आई है।
सरकार ने 500 और 1,000 के के पहले चल रहे नोटों को आठ नवंबर को बंद करने की
घोषणा की थी। इस नोट बदलने के काम में 87 प्रतिशत नकद नोट चलन से बाहर हो
गए थे। नोटबंदी के तत्काल बाद की तिमाही जनवरी-मार्च में वृद्धि दर घटकर
6.1 प्रतिशत रही है. नोटबंदी 9 नवंबर, 2016 को की गई थी। आधार वर्ष 2011-12
के आधार पर नई श्रृंखला के हिसाब से 2015-16 में जीडीपी की वृद्धि दर 8
प्रतिशत रही है। पुरानी श्रृंखला के हिसाब से यह 7.9 प्रतिशत रही थी।
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