लगातार चौथे दिन तेजी में बंद हुये घरेलू शेयर बाजार
Source : business.khaskhabar.com | Mar 11, 2022 | 

मुम्बई। टेक और वाहन कंपनियों में हुई बिकवाली के दबाव के बावजूद दवा
क्षेत्र के शानदार प्रदर्शन के दम पर घरेलू शेयर बाजार लगातार चौथे दिन
शुक्रवार को हरे निशान में बंद होने में कामयाब हुये।
बाजार पर
मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच टेक , वाहन, आईटी और दूरसंचार क्षेत्र में
हुई बिकवाली का दबाव बना रहा। हालांकि , दवा कंपनियों में हुई लिवाली से
बाजार की गिरावट थाम ली और शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद होने में
कामयाब रहे।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.15
प्रतिशत यानी 85.91 अंक की बढ़त के साथ 55,550 अंक पर और नेशनल स्टॉक
एक्सचेंज का निफ्टी 0.21 प्रतिशत यानी 35.55 अंक की तेजी के साथ 16,630 अंक
पर बंद हुआ।
बीएसई के मंझोली और छोटी कंपनियों में निवेशकों ने
दिग्गज कंपनियों की तुलना में अधिक पैसा लगाया। बीएसई का मिडकैप 0.45
प्रतिशत की तेजी के साथ 23,309.10 अंक पर और स्मॉलकैप 0.78 प्रतिशत की तेजी
के साथ 27,141.43 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की 30 में से 15
कंपनियां लाल निशान में और 15 हरे निशान में रहीं जबकि निफ्टी की 50 में से
28 कंपनियों में लिवाली और 22 में बिकवाली का जोर रहा।
निफ्टी में
भी सबसे शानदार प्रदर्शन दवा क्षेत्र का रहा। सिप्ला , बीपीसीएल, सन
फार्मा, जेएसडब्लयू स्टील और आईओसी के शेयरों में सर्वाधिक तेजी रही, जबकि
नेस्ले इंडिया, मारुति सुजुकी, टाटा कंज्यूमर्स, हिंडाल्को और एनटीपीसी के
शेयरों में सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गयी।
सेंसेक्स में सनफार्मा, डॉ
रेड्डीज, आईटीसी, पावर ग्रिड और टाइटन सर्वाधिक कमाई करने वाली कंपनियां
रहीं जबकि नेस्ले, मारुति, एनटीपीसी, एक्सिस बैंक और टीसीएस को सर्वाधिक
नुकसान उठाना पड़ा।
विदेशी बाजारों में जापान का निक्के ई और
हांगकांग का हैंगशैंग गिरावट में जबकि चीन का शंघाई कंपोजिट तेजी में बंद
हुआ। यूरोपीय बाजारो में जर्मनी का डैक्स और ब्रिटेन का एफटीएसई तेजी में
कारोबार कर रहे हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन
ने कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती महंगाई, कॉरपोरेट क्षेत्र पर लागत के दबाव
और वाहन बिक्री के सुस्त आंकड़ों के कारण शेयर बाजार में भी सुस्ती रही।
--आईएएनएस
[@ अरे वाह...बकरी के बच्चे के साथ योगा:देखें PIX]
[@ मस्जिद में सिर्फ महिलाए पढती हैं नमाज,ऎसा क्यों]
[@ निसार अहमद को नहीं डिगा सकी पैसों की कमी, पिता चलाते हैं रिक्शा]