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रिलायंस ने गैस निकासी की लगातार अधिक लागत बताई : CAG

Source : business.khaskhabar.com | Aug 03, 2016 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 audit report notes excess gas cost recovery by reliance industries 64885नई दिल्ली। देश के सरकारी लेखाकार ने कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कृष्णा-गोदावरी बेसिन से गैस निकासी पर आने वाली लागत को लगातार अधिक कर के बताया, जो एक अरब डॉलर बैठता है। जबकि सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी थी।

ऑडिट रपट में कहा गया है, ‘‘पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने मई 2012 में सलाह दी थी कि संचालक को अतिरिक्त क्षमता की कुल लागत वसूलने का अधिकार नहीं है, जो वर्ष 2011-12 तक 100.50 करोड़ डॉलर (6,043 करोड़ रुपये) बैठती है।’’

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रपट में मंगलवार को कहा गया है, ‘‘मंत्रालय के निर्देश के बावजूद संचालक 2012-13 और 2013-14 की निकासी लागत में इस राशि को लगातार जोड़ता गया।’’

रपट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के जवाब भी शामिल हैं।

रपट में कहा गया है, ‘‘संचालक ने जवाब में (अगस्त 2015) कहा कि यह मुद्दा मध्यस्थता की प्रक्रिया में है और इसलिए न्यायाधीन है। संचालक ने मध्यस्थता में शामिल दूसरे पक्ष के संभावित किसी नुकसान से बचने के लिए इस विषय पर अपनी टिप्पणी देने से मना कर दिया।’’

रपट में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ डीगोलयर एंड मैक्रॉटन द्वारा किए गए एक आंकलन को भी संज्ञान में लिया गया है, जिसमें संकेत किया गया है कि सरकारी स्वामित्व वाले तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) द्वारा संचालित बगल के गैस ब्लॉक से भी कुछ गैस रिलायंस इंडस्ट्रीज को आवंटित गैस ब्लॉक में लाई गई।

रपट में आगे कहा गया है कि सरकार यदि आंकलन को स्वीकार करती है और रिलायंस इंडस्ट्रीज को इसके लिए ओएनजीसी को भुगतान का निर्देश देती है, तो यह कथित गैस ब्लॉक की वित्तीय व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है, जिसमें अप्रैल 2009 से लेकर अबतक के पूरे संचालन के दौरान की लागत, मुनाफा, रॉयल्टी और कर शामिल होंगे।

ऑडिट रपट में कहा गया है, ‘‘डीगोलयर एंड मैक्रॉटन की यह रपट इस समय एक सदस्यी समिति के विचाराधीन है।’’ न्यायमूर्ति ए.पी. शाह इस रपट की समीक्षा कर रहे हैं, और समीक्षा के बाद वह इस पर अपनी सिफारिश सौंपेंगे।
(IANS)